रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहली बार देश से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं. जब से पुतिन ने इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था, तब से वह रूस की सुरक्षा से बाहर नहीं निकले थे. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति जल्द मध्य एशिया के दो छोटे पूर्व सोवियत देशों की यात्रा करेंगे.
दुनिया पर गंभीर प्रभाव
'डेली स्टार' की रिपोर्ट के मुताबिक, जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला (Ukraine attack) किया है, तब से हजारों लोग मारे गए हैं, लाखों परिवार विस्थापित हुए हैं. पुतिन के इस आदेश के बाद पश्चिमी दुनिया पर गंभीर वित्तीय प्रभाव पड़ा है. इनमें ईंधन की बढ़ती कीमतें भी शामिल हैं.
ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का दौरा
रोसिया 1 स्टेट टेलीविजन स्टेशन के क्रेमलिन संवाददाता पावेल ज़ारुबिन ने कहा कि पुतिन ताजिकिस्तान (Tajikistan) और तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) का दौरा करेंगे और फिर मॉस्को में बातचीत के लिए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति (Indonesian President) जोको विडोडो से मिलेंगे. वहीं, दुशांबे में, पुतिन ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन से मिलेंगे, जो एक करीबी रूसी सहयोगी और एक पूर्व सोवियत देश के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासक हैं. अश्गाबात में, वह कैस्पियन देशों के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
30 जून से यात्रा की शुरुआत
रूसी राष्ट्रपति के इन यात्राओं की योजना 30 जून और 1 जुलाई को है, जहां पुतिन बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मिलेंगे. यूक्रेन के खुफिया दावों के अनुसार, दो महीने पहले पुतिन की कथित हत्या के प्रयास (Putin assassination attempt) के बाद से यह पहली बार देश से बाहर की यात्रा है.
पुतिन की हत्या की साजिश
यूक्रेन के चीफ ऑफ डिफेंस इंटेलिजेंस के अनुसार, काकेशस में हत्या की साजिश में पुतिन पर हमला किया गया था. उनका कहना है कि यह गैर-सार्वजनिक जानकारी है, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पर दो महीने पहले हमला हुआ था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया था.