रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के अलग अस्तित्व को नकारते हुए उसे अपने देश का ही हिस्सा बताया है, लेकिन ऐतिहासिक तथ्य उनके इस दावे को सही नहीं ठहराते। यूक्रेन और रूस की जड़ें उन्हें पहले स्लोविक राज्य तक भले ही लेकर जाती हैं, लेकिन एक हजार साल के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि रूस और यूक्रेन में सरहद, समाज और धर्म साफ तौर पर भिन्न रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव मॉस्को से सैकड़ों साल पहले अस्तित्व में आ चुकी थी।
पूर्वी-पश्चिमी हिस्सों पर अलग-अलग प्रभाव
यूक्रेन के कई हिस्से शताब्दियों तक रूस का हिस्सा रहे हैं, लेकिन पश्चिम के कई भाग एस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य, पोलैंड और लिथुआनिया के प्रभाव में रहे हैं। राजनीतिक जोखिम सलाहकार क्लिफ क्यूपकेन कहते हैं कि पुतिन का यूक्रेन को ऐतिहासिक रूप से रूस में सम्मिलित होना बताना बिल्कुल सही नहीं है।
कीव से ही जन्मी रूस की संस्कृति
जार के शासन के दौश्रान भी थी यूक्रेन की अलग पहचान
रूस के निवासी यूक्रेन को 'छोटे भाई' के तौर पर देखते हैं, और वैसे व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। यूक्रेन की राष्ट्र के रूप में पहचान जार के समय में भी थी और रूस के लोगों को इससे दिक्कत रही है। पुतिन ने भी यूक्रेन को अलग पहचान देने का दोष सोवियत संघ के पहले शासक व्लादिमीर लेनिन पर मढ़ा था।