ईरान के राष्ट्रपति बोले - महसा अमीनी की मौत ने सभी को प्रभावित किया
दिल्ली। हिजाब न पहनने पर ईरान की धार्मिक पुलिस का शिकार बनी महसा अमीनी की मौत पर पहली बार ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का बयान आया है. रईसी ने कहा है कि महसा अमीनी की मौत ने सभी को प्रभावित किया है. सभी का मानना है कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि उसकी मौत कैसे हुई, लेकिन इसकी आड़ में 'अराजकता' को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
बता दें कि 16 सितंबर को महसा अमीनी (22) की मौत हुई थी. उन्हें 13 सितंबर को ईरान की इस्लामिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अमीनी को तेहरान में घूमते वक्त सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने पर गिरफ्तार किया गया था. जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमीनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ने पर अमीनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि अमीनी की मौत हो गई.
महसा अमीनी के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अमिनी के साथ बुरी तरह से मारपीट की. इससे वो कोमा में चली गईं और अस्पताल में उनकी मौत हो गई. अमिनी की मौत के बाद से ईरान में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए. सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई. महिलाएं खुद अपने बाल काटकर विरोध जताने लगीं. सुरक्षाबलों के सामने हिजाब उड़ाने लगीं. 22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन चरम पर पहुंच गया है. हजारों की संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतरकर हिजाब का विरोध कर रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन प्रदर्शनों में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है. देश के कई शहरों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है. महिला और नागरिक अधिकार संगठनों में सरकार के नियमों को लेकर गुस्सा हैं, जिस वजह से ईरान में इंटरनेट पर भी पाबंदी लगानी पड़ी.
अमीनी की मौत के बाद जारी प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली 20 साल की एक महिला ईरान के सुरक्षाबलों की गोली का शिकार हो गई थी. उन्हें सुरक्षाबलों ने छह गोलियां मारी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. महिला का नाम हदीस नजफी है, जो ईरान में टिकटॉक और इंस्टाग्राम का पॉपुलर चेहरा थीं. इससे पहले हदीस नजफी का एक एंटी हिजाब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें प्रदर्शन में शामिल होने से पहले बाल बांधते देखा गया था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद हदीस को 'पोनीटेल गर्ल' के नाम से जाना जाने लगा था.
कराज शहर में ईरानी सुरक्षाबलों की गोलीबारी में नजफी की मौत हो गई थी. सुरक्षाबलों ने उनके चेहरे, गर्दन और छाती पर छह गोलियां मारी थी. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. नजफी की मौत की के बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई थी. एक शख्स ने ट्वीट कर कहा था कि ईरान सरकार की और शिकार हदीस नजफी है. एक अन्य शख्स ने ट्वीट कर कहा था कि उसका नाम हदीस नजफी था, जो 20 साल की बोल्ड और बहादुर लड़की थी.