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उन्हें दोनों हस्तियों के बीच गर्मजोशी भरी और सकारात्मक बातचीत होने की उम्मीद है।
जी-20 की बैठक में शामिल होने इटली पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। दोनों की यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली, बाइडन के पूर्ववर्तियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में लंबी रही। 2014 में पोप और ओबामा की मुलाकात 50 मिनट चली थी, जबकि ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात मात्र आधे घंटे की हुई थी।
पोप और बाइडन की मुलाकात दोपहर के वक्त हुई। बाइडन की साथ उनकी पत्नी जिल बाइडन भी थीं। बाइडन अमेरिका के दूसरे कैथोलिक राष्ट्रपति हैं। पहले कैथोलिक राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी थे। पोप ईसाई धर्म के कैथोलिक पंथ के सर्वोच्च धर्म गुरु हैं। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने गरीबों और भूख, संघर्ष और उत्पीड़न से पीड़ित लोगों की वकालत करने के लिए पोप का आभार जताया। बाइडन ने जलवायु संकट से लड़ाई में पोप के नेतृत्व की भी सराहना की।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति बाइडन का काफिला जब अपोस्टोलिक पैलेस पहुंचा तो इसका सीधा प्रसारण काट दिया गया। पोप के सहायक मानसिनोर लियोनार्डो सेपियेंजा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पोप के अन्य सहायकों ने एक-एक करके बाइडन दंपती का अभिवादन किया।
राष्ट्रपति बाइडन ने एक सहायक से हाथ मिलाते हुए कहा, 'वापस आना अच्छा लग रहा है। मैं जिल का पति हूं।'
पोप के साथ बाइडन की निजी बैठक काफी देर तक चली जो पोप से किसी व्यक्ति की मुलाकात के लिहाज से सामान्य से अधिक समय है। इसके बाद दोनों एक वृहद बैठक के लिए निकले जिसमें अमेरिका की प्रथम महिला और शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। लंबी वार्ता के कारण बाइडन की शुक्रवार को होने वाली बैठकें तय समय से देरी तक चलीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी कैथलिक आस्था पर गर्व जताते हैं और वह अपनी कई सामाजिक और आर्थिक नीतियों को आकार देने में इसे नैतिक मार्गदर्शक के तौर पर लेते हैं। बैठक में प्रेस के कवरेज पर अंतिम समय में वेटिकन द्वारा लगाई गयी पाबंदी के कारण इसकी कोई सीधी तस्वीर या वीडियो नहीं जारी किया गया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने यात्रा की पूर्व समीक्षा करते हुए कहा कि उन्हें दोनों हस्तियों के बीच गर्मजोशी भरी और सकारात्मक बातचीत होने की उम्मीद है।
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