वैश्विक महिला मामलों के दूतावास प्रभारी पद के लिए बाइडन द्वारा नामित भारतवंशी गीता राव गुप्ता ने कहा कि दुनिया में कई जगह संघर्षों के अलावा कोविड-19, जलवायु संकट और निरंकुशता बढ़ने से लैंगिक असमानता में वृद्धि हुई है।
पद पर उनके नाम की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने सीनेट की 'विदेशी संबंध समिति' के समक्ष कहा कि उन्हें अमेरिकी नागरिक होने और समुदायों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली पेशेवर महिलाओं एवं उनका पूरा समर्थन करने वाले पुरुषों के परिवार से संबंध रखने वाली पहली पीढ़ी की प्रवासी होने पर गर्व है।
गुप्ता ने कहा, यदि आप महिलाओं के हालात व लैंगिक असमानता के संकेतकों को देखें तो वे दर्शाते हैं कि असमानता बढ़ी है। उन्होंने सीनेटर जिएने शाहीन के एक सवाल के जवाब में कहा, दुनिया में महिलाओं को कई असमानताएं व अपमान झेलने पड़ते हैं। ये उन्हें अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी से रोकते हैं।
मुंबई में जन्मी गुप्ता ने डीयू से किया एमए
मुंबई में जन्मी गीता राव गुप्ता ने बेंगलुरु विवि से मनोविज्ञान में पीएचडी की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर भी किया है। गुप्ता ने सांसदों को बताया, उन्होंने भारत में अपना डॉक्टरेट शोध उन बाधाओं को समझने के लिए किया, जिनका सामना महिलाओं को अपने करियर में करना पड़ता है।