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नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्र ने 15 जुलाई को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाला सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के दो सप्ताह के भीतर सात विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनके नामों की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति ने जस्टिस बसंत बालाजी, चंद्रशेखरन करथा जयचंद्रन, सोफी थॉमस और पुथेन वीदु गोपाल पिल्लई अजितकुमार को केरल उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है।
केरल उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 17 मार्च को सर्वसम्मति से इन अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के आधार पर गौहाटी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है। ये हैं - न्यायमूर्ति काखेतो सेमा, न्यायमूर्ति देवाशीष बरुआ, न्यायमूर्ति मालाश्री नंदी, न्यायमूर्ति मार्ली वानकुंग और न्यायमूर्ति अरुण देव चौधरी।
गौहाटी उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 10 मई को सर्वसम्मति से उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों की सिफारिश की थी।
अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति किया गया है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 11 अप्रैल को सर्वसम्मति से उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की स्वीकृति मिली थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में दो अतिरिक्त न्यायाधीशों, न्यायमूर्ति अनिल लक्ष्मण पानसरे और न्यायमूर्ति संदीपकुमार चंद्रभान मोरे के नाम पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है।
बॉम्बे हाई कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 अप्रैल को सर्वसम्मति से इन दो अतिरिक्त न्यायाधीशों को हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा था, “महाराष्ट्र और गोवा के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने उपरोक्त सिफारिशों पर सहमति व्यक्त की है।”
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के अनुरूप कलकत्ता उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति कृष्ण राव, न्यायमूर्ति विभास रंजन डे और न्यायमूर्ति अजॉय कुमार मुखर्जी - की नियुक्ति की गई है।
अधिसूचना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में अधिवक्ता रंजन शर्मा और बिपिन चंद्र नेगी तथा न्यायिक अधिकारी राकेश कैंथला की नियुक्ति की गई है। इनके नामों की सिफारिश 5 दिसंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंजूरी प्रदान की थी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए एक न्यायिक अधिकारी, सुजना कलासिकम और दो अधिवक्ताओं, लक्ष्मीनारायण अलीशेट्टी और अनिल कुमार जुकांति के नाम की सिफारिश की थी जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सुजना कलासिकम की नियुक्ति के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने 23 अक्टूबर, 2022 को अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से सिफारिश की थी। वहीं, दोनों अधिवक्ताओं के नामों की सिफारिश तेलंगाना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने 22 दिसंबर 2022 को की थी। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने तीनों नामों को अपनी स्वीकृति दी थी।
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