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फ्रांस में नया कानून लाने की चल रही तैयारी, बच्‍चे खुद करेंगे तय मां, बाप में से किसका रखना है सरनेम

Renuka Sahu
20 Dec 2021 3:12 AM GMT
फ्रांस में नया कानून लाने की चल रही तैयारी, बच्‍चे खुद करेंगे तय मां, बाप में से किसका रखना है सरनेम
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फाइल फोटो 

आमतौर पर बच्चे अपने पिता के सरनेम का ही इस्तेमाल करते हैं. शादी के बाद महिला की पारिवारिक पहचान कहीं खो जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर बच्चे अपने पिता के सरनेम का ही इस्तेमाल करते हैं. शादी के बाद महिला की पारिवारिक पहचान कहीं खो जाती है. लेकिन अब फ्रांस (France) में बच्चे अपनी मां का फैमिली नेम भी आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे. सरकार इसके लिए कानून लाने जा रही है. फ्रांस के न्याय मंत्री एरिक डुपोंड-मोरेटी (Eric Dupond-Moretti) ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसके तहत 18 वर्ष के होते ही बच्चे बिना किसी परेशानी के अपना फैमिली नाम बदल सकते हैं.

अगले कुछ दिनों में होगी Voting
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, सत्तारूढ़ LREM पार्टी के विधायक पैट्रिक विग्नल ने यह प्रस्ताव पेश किया है. कानून मंत्री ने कहा कि सरकार इस प्रस्ताव का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि किसी को भी नाम बदलने से पहले उसका कारण बताने की जरूरत नहीं है और नए कानून के माध्यम से हम यही करने जा रहे हैं. इस प्रस्ताव पर आने वाले कुछ दिनों में वोटिंग की जाएगी और यदि सबकुछ उम्मीद के अनुरूप होता है तो यह कानून बन जाएगा.
नए कानून से आसान होगी प्रक्रिया
वैसे फ्रांस में लोगों को पहले से ही अपना फैमिली नेम बदलने की आजादी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है. उन्हें ऐसा करने के लिए कानून मंत्रालय को वैध कारण बताना होता है. नया कानून इस प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करेगा. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए कानून के बाद नागरिक अपने पिता के परिवार का नाम रखने, अपनी मां के परिवार का नाम लगाने या दोनों रखने के लिए स्वतंत्र होंगे. एक पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में, डुपोंड-मोरेटी ने कहा कि नया कानून से ऐसी बच्चों को फायदा होगा जिनकी परवरिश सिंगल मदर ने की है.
ऐसे बच्चों को होगा Law का फायदा
कानून मंत्री ने यह भी कहा कि नया कानून उन लोगों के लिए काफी सहायक होगा, जो अपने पिता के व्यवहार के चलते अपना फैमिली नेम बदलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'कई बार ऐसी स्थितियां होती हैं जब बच्चों को लगता है कि उनके नाम के आगे उनकी मां का फैमिली नेम होना चाहिए. उदाहरण के तौर पर यदि पिता मारपीट करता है, बच्चों और उनकी मां के साथ बुरा व्यवहार करता है, तो शायद बच्चा उसका नाम न लगाना चाहे, तब नया कानून नाम बदलने में उसकी मदद करेगा'.
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