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जलवायु-परिवर्तन से बढ़ रही मानसून से पहले की गर्मी, भारत-पाकिस्तान में टूटेंगे पुराने रेकॉर्ड

Neha Dani
19 May 2022 8:56 AM GMT
जलवायु-परिवर्तन से बढ़ रही मानसून से पहले की गर्मी, भारत-पाकिस्तान में टूटेंगे पुराने रेकॉर्ड
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अप्रैल व मई महीने के सभी दर्ज तापमानों को इकट्ठा किया जाएगा और देखा जाएगा कि क्या ये 2010 के उच्चतम तापमान से अधिक थे।

लंदन : भारत और पाकिस्तान समय से पहले ही भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं। आने वाले दिनों में दोनों देशों को इससे राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को ब्रिटेन के मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन ने उत्तर-पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में रेकॉर्डतोड़ गर्मी की आशंका को 100 गुना अधिक बढ़ा दिया है। दोनों ही देश रेकॉर्डतोड़ तापमान और चिलचिलाती धूप का सामना कर रहे हैं जिससे आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

ब्रिटिश मौसम कार्यालय के अनुसार क्षेत्र में साझा रूप से उच्चतम औसत तापमान 1990 के बाद से 2010 में दर्ज किया गया था। मौसम विभाग ने 2010 के उन महीनों में दर्ज किए गए रेकॉर्डतोड़ तापमान से अधिक गर्मी की आशंका का अनुमान लगाने के लिए एक एट्रिब्यूशन अध्ययन किया। बुधवार को मौसम विभाग ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि 2010 में दर्ज किए गए औसत तापमान से अधिक गर्मी की आशंका 312 साल में एक बार होती थी।
जलवायु-परिवर्तन से बढ़ रही मानसून से पहले की गर्मी
बयान में कहा गया कि मौजूदा जलवायु में यह संभावना 3.1 साल में एक बार हो गई है जिसके लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है। अध्ययन के अनुसार इस सदी के अंत तक यह आशंका 1.15 साल में एक बार हो जाएगी। एट्रिब्यूशन अध्ययन में शामिल निकोस क्रिस्टिडिस ने कहा कि अप्रैल और मई में इस क्षेत्र में प्री-मानसून जलवायु के चलते भीषण गर्मी देखी जाती है। लेकिन अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन प्री-मानसून गर्मी की तीव्रता को बढ़ा रहा है जिससे रेकॉर्डतोड़ तापमान दर्ज किए जाने की आशंका 100 गुना अधिक हो गई है।
क्या बन चुका है नया रेकॉर्ड?
सदी के अंत तक बढ़ते जलवायु परिवर्तन से हर साल औसत तापमान के बढ़ने की संभावना है। अध्ययन में शामिल प्रोफेसर पीटर स्टॉट ने कहा कि हाल के दिनों में 50 डिग्री के पार जाता तापमान यह दिखाता है कि मौजूदा गर्मी जीविका और समुदायों को प्रभावित करने वाला एक चरम मौसम है। वैज्ञानिकों ने कहा कि नया रेकॉर्ड बनने की संभावना है जिसके लिए महीने के आखिर तक इंतजार करना होगा जब अप्रैल व मई महीने के सभी दर्ज तापमानों को इकट्ठा किया जाएगा और देखा जाएगा कि क्या ये 2010 के उच्चतम तापमान से अधिक थे।



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