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इसी तरह रूस और श्रीलंका समेत कुछ अन्य देशों के फंसे हुए छात्रों को धीरे-धीरे लौटने की अनुमति दी जा रही है.
कोविड-19 संबंधी चीन के प्रतिबंधों (China Indian Students) के कारण दो साल से घरों में अटके हजारों भारतीय छात्रों की वापसी की राह अब आसान होती दिख रही है. चीन इन्हें वीजा देने कि लिए तैयार हो गया है. बीजिंग में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने इस मसले पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की है. जिसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि चीन भारतीय छात्रों को वीजा देने के लिए तैयार हुआ है. दिल्ली से बीजिंग की सीधी फ्लाइट (Delhi to Beijing Flight) पर जल्द फैसला होगा. अभी चीन ने छात्रों को सीधी फ्लाइट नहीं दी है.
इससे पहले खबर आई थी कि प्रदीप कुमार रावत ने वांग के साथ छात्रों की वापसी के मुद्दे सहित कोरोना वायरस महामारी से बाधित सीधी उड़ानें बहाल करने के विषय पर चर्चा की है. भारतीय दूतावास ने गुरुवार को यह जानकारी दी. चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की बुधवार को हुई बातचीत में भारतीय छात्रों की वापसी का जटिल मुद्दा भी आया गया.
वांग ने जयशंकर से मुलाकात को याद किया
वांग ने इस साल मार्च में नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी मुलाकात को याद किया. भारतीय दूतावास के प्रेस वक्तव्य में वांग के हवाले से कहा गया कि चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी के संबंध में भारतीय पक्ष की चिंताओं को महत्व दिया और इस पर जल्द प्रगति होने की उम्मीद जताई. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि वांग ने दोनों देशों के बीच सीधे उड़ान संपर्क को बहाल करने पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया है.
उसने कहा, राजदूत रावत ने बताया कि भारत में संबंधित एजेंसी इस मामले को देख रही हैं और हम जल्द मामले में प्रगति देख सकते हैं. चीन ने हालिया महीनों में कुछ विदेशी छात्रों को अपने देश लौटने की अनुमति देना शुरू किया है. पाकिस्तान के 90 छात्रों का पहला बैच 20 जून को चीन के जियान शहर पहुंचा. ये छात्र चीन के सख्त वीजा संबंधी प्रतिबंधों के कारण करीब दो साल तक घरों में ही रहे. इसी तरह रूस और श्रीलंका समेत कुछ अन्य देशों के फंसे हुए छात्रों को धीरे-धीरे लौटने की अनुमति दी जा रही है.
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