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ओली को अपनी सरकार बचाने के लिए 15 सांसदों की कमी पड़ रही है।
नेपाल में सियासी खींचतान से जूझ रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार बुधवार को अल्पमत में आ गई। दरअसल पुष्पकमल दहल प्रचंड की अगुवाई वाले गुट सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री ओली ने 10 मई को विश्वास प्रस्ताव पेश करने का निर्णय लिया है, इस घोषणा के ठीक दो दिन बाद पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया।
पार्टी ने संसदीय सचिवालय में इस आशय का पत्र देकर समर्थन वापस लेने की घोषणा की। माओइस्ट सेंटर के मुख्य सचेतक देव गुरुंग ने समर्थन वापसी का पत्र सौंपा। उसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने संविधान की अवमानना की है और हाल की उसकी गतिविधियों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा पैदा हो गया है।
पार्टी ने ओली सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। समर्थन वापसी के बाद सरकार प्रतिनिधिसभा में अल्पमत में आ गई है। निचले सदन में माओइस्ट सेंटर के पास 49 सांसद हैं। 275 सदस्यीय सदन में सत्ताधारी सीपीएन-यूएमएल को 121 सांसदों का समर्थन है। ओली को अपनी सरकार बचाने के लिए 15 सांसदों की कमी पड़ रही है।
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