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तो यह पहली बार होगा कि वह मंत्री होंगे. वह पहली बार 2018 में संसद के लिए चुने गए थे.
पाकिस्तान के भुट्टो-जरदारी परिवार के उत्तराधिकारी बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को शपथ नहीं ली, जिससे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में उनके शामिल होने की अटकलों को बल मिला. 33 वर्षीय बिलावल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं. पीपीपी 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व में बनी गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए बिलावल भुट्टो
गठबंधन दलों के बीच मतभेदों खासकर पीपीपी द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल होने से प्रारंभिक इनकार के कारण इसके गठन में कई दिनों तक देरी हुई. हालांकि, शहबाज यह चाहते थे कि बिलावल की पार्टी उनकी सरकार में शामिल हो. लेकिन, मंत्रिमंडल गठन के पहले चरण में बिलावल की अनुपस्थिति से कई सवाल उठे, क्योंकि ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें विदेश मंत्री बनाने का भरोसा दिया गया था.
पीपीपी के सूत्रों ने कहा कि बिलावल अभी भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए अनिच्छुक हैं, क्योंकि इससे चुनाव से पहले उनकी राजनीतिक गतिविधियों में बाधा आ सकती है, जो साल के अंत तक होने की संभावना है. लेकिन प्रधानमंत्री इस पर अड़े हैं कि उन्हें इसमें शामिल होना चाहिए. पाकिस्तान में जब सेना देश पर शासन नहीं कर रही थी, तब दो मुख्य राजनीतिक दल-बिलावल की पीपीपी और शरीफ की पीएमएल-एन बारी-बारी से सत्ता में रहे हैं. देश के 75 साल से ज्यादा के इतिहास में आधे से अधिक समय तक सेना ही सत्ता में रही है.
लंदन से आने के बाद लेंगे विदेश मंत्री की शपथ
एक अन्य सूत्र ने कहा कि बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले राजनीतिक दलों से वादे किए थे और बिलावल यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि सरकार का समर्थन करने वाले सभी दलों को मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले शामिल किया जाए.
'एक्सप्रेस न्यूज' पोर्टल ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच विदेश मंत्री पद को लेकर कोई गतिरोध नहीं है. सूत्रों ने कहा कि बिलावल पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ से मिलने के लिए लंदन जाएंगे. लंदन से लौटने के बाद वह विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेंगे. अगर बिलावल मंत्रिमंडल में शामिल होते हैं, तो यह पहली बार होगा कि वह मंत्री होंगे. वह पहली बार 2018 में संसद के लिए चुने गए थे.
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