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कैरिंगटन इवेंट (Carrington Event) नाम की इस घटना से टेलीग्राफ सेवा बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी.
अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने बीते कुछ साल में काफी तरक्की की है. ब्रह्मांड के कई राज हम जानने में सफल रहे हैं और कुछ को सुलझाने की कोशिशें लगातार जारी हैं. मगर इन सब के बीच सूर्य एक है, जिसके बारे में हम धरतीवासी अभी बहुत ज्यादा कुछ पता नहीं लगा पाए हैं. अब विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि सात साल तक शांत रहने के बाद सूर्य अपनी गर्मी बरसाने वाला है. सैकड़ों सालों के बाद सूरज की नींद टूटने वाली है और यह धरती के लिए बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं हैं.
सूर्य का चरण करीब 11 साल में आता-जाता रहता है. इस चरण का संबंध सूर्य की आंतरिक चुबंकीय गतिविधियों से है और अक्सर ये एक्टिविटी सनस्पॉट व सोलर फ्लेयर से धोखा खा जाती हैं. वैज्ञानिक इस समय सूरज के बढ़ते 'गुस्से' पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो धरती के लिए मुसीबत काफी बढ़ जाएगी.
पावर ग्रिड और संचार सिस्टम हो सकते हैं तबाह
अगर ऐसा होता है तो सौर विस्फोट हमारे पावर ग्रिड और कम्युनिकेशन सिस्टम को तबाह कर सकता है. आधुनिक सभ्यता में जरूरी सभी तकनीक को बड़ा नुकसान हो सकता है. यहां तक पृथ्वी की कक्षा में इंसानी और रोबोटिक मिशन भी प्रभावित हो सकते हैं. मगर हमारे सौर मंडल की जटिलता को समझना कतई आसान नहीं है.
2025 में टूटेगी सूर्य की नींद
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगला सौर चक्र (Solar Cycle) 2025 तक अपने चरम पर हो सकता है. इस दौरान नासा पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) लगातार सूर्य का अध्ययन करने में लगा रहेगा. यूरोपीय स्पेस एजेंसी सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbitar) भी सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहा होगा.
सूर्य ग्रहण से रोमांच बढ़ेगा
ब्रह्मांड की अद्भुत दुनिया में रुचि रखने वाले लोगों का रोमांच इस दौरान और भी बढ़ सकता है क्येांकि 2024 में पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) भी होगा. अप्रैल, 2024 में नॉर्थ अमेरिका में इसे देखा जा सकेगा. अगले सोलर चक्र के बारे में सितंबर, 2020 में भविष्यवाणी की गई थी कि चक्र-25 का असर बहुत ही हल्का होगा. हालांकि अन्य सौर चक्र विशेषज्ञों एक अलग ही नाटकीय परिणाम पर निकले थे. उनका कहना है कि यह 1755 के बाद यह सबसे शक्तिशाली चक्र होगा. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड और उनके साथी शोधकर्ता भी इसी नतीजे पर पहुंचे हैं. उन्होंने इसे 'टर्मिनेटर' (Terminator) का नाम दिया है.
मच सकती है 1859 जैसी तबाही
आशंका जताई जा रही है कि यह सोलर साइकिल पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. सनस्पॉट की वजह से भीषण धमाका हो सकता है. इसे सोलर फ्लेयर्स कहते हैं. इससे अंतरिक्ष में रेडिएशंस और चार्ज कण फैल सकते हैं, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal mass ejections) या CMEs कहते हैं. अगर ज्यादा मात्रा में CMEs धरती से टकरा जाते हैं, तो तबाही मचाने वाला जियोमैग्नेटिक तूफान आ सकता है. 1859 में सोलर साइकिल-10 के दौरान ऐसा ही तूफान आया था. कैरिंगटन इवेंट (Carrington Event) नाम की इस घटना से टेलीग्राफ सेवा बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी.
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