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कब्जे का प्लान हुआ फुस्स! गुस्से में लाल हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन, हर दिन खर्च हो रहे इतने

jantaserishta.com
27 Feb 2022 10:42 AM GMT
कब्जे का प्लान हुआ फुस्स! गुस्से में लाल हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन, हर दिन खर्च हो रहे इतने
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कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की रूसी हमले का डटकर सामना कर रहे हैं। वलोदिमिर जेलेंस्की अब एक वैश्विक नायक बन गए हैं। उध, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते हैं और विजय प्राप्त करने की दिशा में रूके हुए प्रयासों से नाराज हैं। ऐसा तब हो रहा है जब यूरोपीय संघ के सांसद रिहो टेरास का दावा है कि हर जंग पर 20 अरब डॉलर का खर्चा आ रहा है। साथ ही अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बारे में कहा जाता है कि वे यूक्रेन पर विजय प्राप्त करने के अपने रुके हुए प्रयासों से नाराज होते जा रहे हैं, और उन्होंने कई दिनों तक सार्वजनिक संबोधन जारी नहीं किया है। उनकी मैनपॉवर यूक्रेन की तुलना में काफी अधिक है, और यह व्यापक रूप से माना जाता है कि रूस अंतत: अपने पड़ोसी को जंग में हरा देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे राष्ट्र द्वारा आश्चर्यजनक रूप से प्रभावी बचाव ने रूसी सैन्य प्रतिष्ठा को बुरी तरह से धूमिल कर दिया है। इसके बाद भी क्रेमलिन अभी यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्‍जा करने और अपनी सरकार स्थापित करने के अपने उद्देश्य से दूर है।
यूक्रेन ने शनिवार को रूस को एक बड़ा झटका दिया, जब उसने देश के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की की हत्या के लिए भेजे गए चेचन विशेष बलों के एक बड़े समूह को कथित रूप से मार डाला। चेचन सशस्त्र समूह अपनी बर्बर हिंसा और मानवाधिकारों के हनन के लिए कुख्यात हैं। बता दें कि यूरोपीय संघ के सांसद रिहो टेरास ने भी रूसी हमले को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पुतिन गुस्से में हैं। पुतिन ने सोचा था कि यह युद्ध बहुत आसान होगा और एक से चार दिनों में सब कुछ खत्म हो जाएगा। हालांकि वर्तमान हालात को देखकर ऐसा लगता नहीं है।
ईयू के सांसद रिहो टेरास यूरोपीय देश एस्टोनिया के राजनेता और पूर सैन्य अधिकारी हैं। वह 1 फरवरी 2020 से यूरोपीय संसद के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं। वह 2011 से 2018 तक एस्टोनियाई सेना के प्रमुख भी रह चुके हैं। रिहो को 2017 में जनरल के पद पर प्रमोट किया गया था। उन्होंने दावा किया कि रूसियों के पास सामरिक योजना नहीं थी। युद्ध की लागत लगभग 20 बिलियन डॉलर प्रतिदिन की है। किसी भी देश के पास रॉकेट ज्यादा से ज्यादा 3-4 दिन के लिए होते हैं, इनका इस्तेमाल कम ही करते हैं। ऐसे में रूस के पास हथियारों की कमी है।
सांसद रिहो ने कहा कि तुला और रोटेनबर्ग प्लांट रूसी सेना के हथियारों की कमी को पूरा नहीं कर सकते हैं। वे सिर्फ राइफल और गोलियों की आपूर्ति ही कर सकते हैं। रूसी सेना के लिए हथियार अगले 3 से 4 महीने में बन सकते हैं, वो भी तब जब उनके पास इसके लिए पर्याप्त कच्चा माल हो। रूसी हथियारों को बनाने के लिए स्लोवेनिया, फिनलैंड और जर्मनी से कच्चा माल आता था, जो अब प्रतिबंधों के कारण बंद हो चुका है।
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