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पोप फ्रांसिस ने कनाडा के स्थानीय लोगों से मांगी माफी, कहा- जो हुआ मुझे उसके लिए खेद है

Neha Dani
30 July 2022 4:15 AM GMT
पोप फ्रांसिस ने कनाडा के स्थानीय लोगों से मांगी माफी, कहा- जो हुआ मुझे उसके लिए खेद है
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जो लंबे समय से अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए पोप से माफी की मांग कर रहे थे।

पोप फ्रांसिस ने कनाडा के अपने सप्ताह भर चलने वाले 'प्रायश्चित यात्रा' के हिस्से के रूप में शुक्रवार को कनाडा के आवासीय स्कूलों के बचे लोगों से मिलने के लिए नुनावुत के सुदूर इलाके का दौरा किया।7,500 की आबादी वाले इकालुइट के एक प्राथमिक स्कूल में, पोप फ्रांसिस ने पूर्व छात्रों से मुलाकात की और छात्रों से यह सुना कि कैसे उन्हें चर्च द्वारा संचालित, सरकार द्वारा वित्त पोषित बोर्डिंग स्कूलों में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया था।


फ्रांसिस ने स्कूल के बाहर इनुइट युवाओं और बुजुर्गों की सभा को बताया- 'बच्चों को नुकसान पहुंचाना और उनको बदनाम करना एक बुराई है! यह माता-पिता और बच्चों के बीच के बंधन को तोड़ता है।'

उन्होंने स्कूल के बचे लोगों को उनके दुखों को साझा करने के साहस के लिए धन्यवाद दिया, जिसे उन्होंने इस पिछले वसंत में पहली बार सुना था जब फर्स्ट नेशंस, मेटिस और इनुइट लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने माफी मांगने के लिए वेटिकन की यात्रा की थी।

पोप फ्रांसिस ने कहा, 'मैंने महीनों से जो शर्म और गलानि महसूस किया है वो मुझे यहां तक खींच के लायी है।' 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि मुझे कितना खेद है और उन कुछ कैथोलिकों द्वारा की गई बुराई के लिए मैं क्षमा मांगता हूं।

पोप फ्रांसिस ने आवासीय स्कूलों में मिशनरियों द्वारा दुर्व्यवहार के लिए स्थानीय लोगों से माफी मांगने के लिए बीते रविवार को कनाडा की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की थी । इसे मूलनिवासी समुदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उस दौर के सदमे से उबरने में मदद करने के प्रयासों में कैथोलिक चर्च के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

फ्रांसिस ने यह संकेत दिया था कि यह एक ''प्रायश्चित यात्रा'' है, जो मूल निवासियों के बच्चों की पीढ़ियों को जबरन मौजूदा पीढ़ी के साथ मिलाने में कैथोलिक मिशनरियों की भूमिका का प्रायश्चित करने के लिए है। एक ऐसी यात्रा जिस पर पूरे कनाडा में पीड़ितों और उनके परिवारों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं, जो लंबे समय से अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए पोप से माफी की मांग कर रहे थे।


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