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फाइल फोटो
पोप फ्रांसिस ने दो भारतीयों समेत 21 पादरियों को कार्डिनल नियुक्त करने की घोषणा की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पोप फ्रांसिस ने दो भारतीयों समेत 21 पादरियों को कार्डिनल नियुक्त करने की घोषणा की है। अगस्त में वेटिकन में आयोजित होने वाले समारोह में पोप इन पादरियों को कार्डिनल पद पर पदोन्नत करेंगे। रविवार को इसकी घोषणा की गई। जिन भारतीयों को कार्डिनल बनाने की घोषणा की गई है उनमें गोवा के आर्कबिशप फिलिप नेरी एंटोनियो सेबेस्टियाओ डि रोसारियो फेराओ और हैदराबाद के आर्कबिशप एंथोनी पूला शामिल हैं।
नए नामित कार्डिनल्स में से आठ यूरोप से, छह एशिया से, दो अफ्रीका से, एक उत्तरी अमेरिका से और चार मध्य और लैटिन अमेरिका से हैं। कार्डिनल्स कालेज में वर्तमान में 208 कार्डिनल हैं, जिनमें से 117 निर्वाचक हैं और 91 गैर-निर्वाचक हैं। 27 अगस्त तक संख्या बढ़कर 229 कार्डिनल हो जाएगी, जिनमें से 131 मतदाता होंगे। कार्डिनल कैथोलिक चर्च में पोप के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद होता है। उन्हें जीवन भर के लिए नियुक्त किया जाता है। कार्डिनल्स की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी नए पोप का चुनाव करना है।
ईसाई समुदाय ने व्यक्त की प्रसन्नता
भारत से दो आर्कबिशप को कार्डिनल बनाने की घोषणा पर ईसाई समुदाय ने प्रसन्नता व्यक्त की है। वरिष्ठ पत्रकार कैमिल पारखे ने कहा कि भारतीय ईसाई समुदाय के लिए सम्मान की बात है। गोवा से पहली बार किसी को कार्डिनल बनाया जाएगा। फादर फेराओ का जन्म 20 जनवरी, 1953 को पणजी के पास एल्डोना गांव में हुआ था और उन्होंने सालिगाओ में सेमिनरी आफ अवर लेडी में अपनी धार्मिक पढ़ाई शुरू की और फिर पुणे में पापल सेमिनरी गए। उन्होंने दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में स्नातक किया है और कोंकणी, अंग्रेजी, पुर्तगाली, इतालवी, फ्रेंच और जर्मन भाषा का ज्ञान है।
फादर फेराओ को 28 अक्टूबर, 1979 को एक पादरी के रूप में नियुक्त किया गया था और 12 दिसंबर, 2003 को पोप जान पाल द्वितीय द्वारा तत्कालीन आर्कबिशप रेव फादर राउल गोंकाल्वेस के इस्तीफा देने के बाद उन्हें गोवा और दमन के आर्कबिशप के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था।
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