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इमरान खान को घर से ऑफिस तक पहुंचाने पर कंगाल पाकिस्‍तान, 3 साल में लुटाए 55 करोड़ रुपये

Neha Dani
21 April 2022 5:19 AM GMT
इमरान खान को घर से ऑफिस तक पहुंचाने पर कंगाल पाकिस्‍तान, 3 साल में लुटाए 55 करोड़ रुपये
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राष्ट्रीय खजाने को तीन साल आठ महीने में 55 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े.

पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद इमरान खान (Imran Khan) के कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. पहले विदेशों से मिले तोहफों को बेचने का मामला सामने आया, अब इमरान खान पर हुए खर्च को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान के नए वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हेलीकॉप्टर के जरिए उनके बानी गाला स्थित घर से पीएम सचिवालय पहुंचाने पर राष्ट्रीय खजाने को तीन साल आठ महीने में 55 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े.

समा टीवी के मुताबिक, सत्ता में रहते हुए खान लगभग हर दिन अपने दफ्तर जाने के लिए एक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते थे. पैसा हेलीकॉप्टर में खपत होने वाले ईंधन पर खर्च किया जाता था. सत्ता में आने के कुछ समय बाद ही खान को उस समय आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने रोजाना आने-जाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग करना शुरू किया था.
हालांकि, इमरान खान के मंत्रिमंडल में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी ने उस समय दावा किया था कि इसकी लागत 55 रुपये प्रति किलोमीटर होगी. इस्माइल ने कहा कि उनके पास अपने दावे को साबित करने वाले दस्तावेजी सबूत हैं.
सऊदी अरब से भी पैसा उधार ले सकती है सरकार
वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती पीटीआई सरकार ने बिजली क्षेत्र में 2,500 अरब रुपये का भारी सर्कुलर कर्ज छोड़ा है और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 1,500 अरब रुपये का सर्कुलर कर्ज लिया था. इस्माइल ने यह भी कहा कि वह स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर रेजा बाकिर के साथ काम करने में सहज हैं, जिन्हें इमरान खान सरकार ने नियुक्त किया था. मंत्री ने कहा कि सरकार को आर्थिक संकट से बचने के लिए आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने की जरूरत है और वह सऊदी अरब से भी पैसा उधार ले सकती है.
इस बीच इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को देश के डिप्टी एटॉर्नी जनरल अरशद कयानी को पाकिस्तान सूचना आयोग के उस आदेश पर अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त, 2018 में पदभार ग्रहण करने के बाद से कई देशों के प्रमुखों द्वारा दिए गए उपहारों का विवरण सार्वजनिक करने को कहा गया है। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई.
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