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क्रम में पोंपियो ने चीन द्वारा अमेरिका के खिलाफ अपनाई गई नीतियोंं का ब्यौरा भी दिया है।
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने देश के नए राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) को चीन के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तरह नीतियों को अपनाने की सलाह दी है। इस क्रम में पोंपियो ने चीन द्वारा अमेरिका के खिलाफ अपनाई गई नीतियोंं का ब्यौरा भी दिया है।
पोंपियो ने कहा है कि अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन की चीन के साथ वही नीतियां होनी चाहिए, जो ट्रंप के समय पर थीं। उन्होंने कहा, 'पिछले पचास साल में अमेरिका ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को पूरी स्वतंत्रता से काम करने दिया, जिसके कारण हमारे देश में लाखों नौकरियों पर संकट आ गया। उन्होंने हमारी बौद्धिक संपदाओं की चोरी की। हमारी शोध संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया। यह सब कुछ रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों की ही सरकारों में चलता रहा।'
पूर्व विदेश मंत्री कहा कि बाइडन प्रशासन को अब चीन के खतरों को ठीक से समझना चाहिए और जैसा ट्रंप ने सब कुछ जानने के बाद सिलसिलेवार प्रक्रिया शुरू करते हुए शिकंजा कसा वैसे ही बाइडन प्रशासन को भी करना चाहिए। पोंपियो ने आरोप लगाया कि चीन ने अमेरिका के वाणिज्य दूतावास की जासूसी की और हमने उसे बंद करा दिया। उनकी हर अवैधानिक व्यापारिक गतिविधियों को बंद किया। हमने जितना भी आवश्यक था, वह सब करते हुए उनकी गलत गतिविधियों को रोक दिया। पूर्व विदेश मंत्री पोंपियो का बयान ऐसे समय में आया है, जब हांगकांग में कार्रवाई और शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन के मामले में जो बाइडन की चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से टेलीफोन पर वार्ता हुई है। इसके साथ ही बाइडन ने सेना के आक्रामक रूख और ताइवान के मसले पर भी आपत्ति दर्ज की है।
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