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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इन दिनों सियासी हाय तौबा मची हुई है। अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान अब ताकत का प्रदर्शन करने जा रहा हैं। संसद में अविश्वास प्रस्ताव से पहले वह इस्लामाबाद में बड़ी रैली कर रहे हैं जिसमें 10 लाख लोगों के शामिल होने की बात कही गई है। इसके अलावा पीटीआई के नेता बागी सांसदों को मनाने में भी लगे हुए हैं। इतना ही नहीं किसी भी कीमत पर सरकार बचाने के लिए इमरान खान अब विपक्ष के साथ डील करने को भी तैयार हैं।
सूत्रों का कहना है कि इमरान खान जल्द ही पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान अहमद खान बुजदार से इस्तीफा मांग सकते हैं। बुजदार खान की पार्टी में ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं। इसके अलावा मिलिट्री और विपक्ष भी उन्हें पसंद नहीं करता है। यह भी बताया जा रहा है कि विपक्ष के साथ इस डील के तहत पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता युसुफ रजा गिलानी को सीनेट का चेयरमैन भी बनाया जा सकता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) फॉरेन फंडिंग मामले में भी इमरान सरकार विपक्ष को सही फैसला लेने का आश्वासन दे सकती है। पीटीआई पर आरोप है कि उसने विदेशी चंदे की जानकारी चुनाव आयोग से छिपाई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी चुनाव आयोग को दिए गए दस्तावेजों को मुताबिक पार्टी ने 14 अलग-अलग देशों से मिले लगभग 20 लाख डॉलर की जानकारी ईसीपी को उपलब्ध नहीं करवाई।
इसके अलावा सरकार का यह भी वादा करना होगा कि वह जल्दबाजी में आर्मी से संबंधित कोई ट्रांसफर या फिर नियुक्ति नहीं करेगी। अगर इमरान खान इन सभी बातों पर सहमत होते हैं तो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और जमात उलेमा-ए-हिंद इसे अपनी जीत मान सकती है और वे जल्दी चुनाव कराने पर सहमत हो सकती हैं। अगर इमरान खान इन बिंदुओं पर सहमत नहीं होते हैं तो देश में सियासी संघर्ष शुरू हो जाएगा और इमरान को सत्ता खोनी पड़ेगी।
बता दें कि इमरान खान के सहयोगियों और सैन्य अधिकारियों की नाराजगी की वजह से उनकी सत्ता मुश्किल में पड़ गई है। पाकिस्तान की संसद में बहुमत के लिए कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। पीटीआई के अपने 155 सदस्य हैं। सरकार बनाते वक्त उनके पास 179 सदस्य थे लेकिन अब 20 से ज्यादा सांसदों ने बगावत कर दी है। वे विपक्ष के साथ हाथ मिलाने और इमरान के खिलाफ वोट करने के तैयार हैं। 8 मार्च को ही विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया था। अब सोमवार को इस प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है।
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