पाकिस्तान। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के 34 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए. इसके बाद देश में राजनीतिक तनाव और गहरा गया है.
एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के 123 सांसदों ने पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के बाद सत्ता से हटाए जाने के बाद संसद छोड़ने का फैसला किया था. हालांकि नेशनल असेंबली के स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने जुलाई में उनमें से केवल 11 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किए थे, जबकि शेष सांसदों को सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से बुलाने की बात कही थी.
इसी बीच एक उन्होंने 35 और सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. जिनमें 34 सांसद इमरान खान की पार्टी के हैं, जबकि एक इमरान खान की सहयोगी अवामी मुस्लिम लीग के सांसद शेख राशिद अहमद हैं. उन्हें पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा भी अधिसूचित किया गया था. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सांसदों को तत्काल प्रभाव से डी-नोटिफाई किया गया था. हालांकि नेशनल असेंबली के स्पीकर ने ये फैसला इमरान खान के उस बयान के बाद लिया है, जिसमें एक दिन पहले ही उन्होंने नेशनल असेंबली में लौटने के संकेत दिए थे. हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने इमरान खान की घोषणा का स्वागत किया था, लेकिन इस्तीफे की स्वीकृति से जाहिर होता है कि सरकार निचले सदन में पीटीआई की ताकत कम करना चाहती थी, क्योंकि इमरान खान ने अविश्वास मत के साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को शक्ति परीक्षण करने की धमकी भी दी थी.
पीटीआई के जुल्फी बुखारी ने कहा कि स्पीकर ने दावा किया था कि वह सामूहिक रूप से इस्तीफे स्वीकार नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने अलग तरीके से काम किया. पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा कि वह स्पीकर के शुक्रगुजार हैं, लेकिन उन्हें बाकी सांसदों के इस्तीफे भी स्वीकार करने चाहिए.