पाकिस्तान। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान में सियासी जंग जारी है. इस सियासी जंग का फायदा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को मिल सकता है. इमरान खान ने जल्द चुनाव की मांग करते हुए कहा कि जब तक देश में नई सरकार नहीं बनती, तब तक कमर जावेद बाजवा को आर्मी चीफ के तौर पर एक्सटेंशन देना चाहिए. मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बाजवा नवंबर में रिटायर हो रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को नया सेना प्रमुख चुनना है. इससे पहले इमरान खान ने फैसलाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम शहबाज शरीफ पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि कैसे सिर्फ 85 सीटों वाला एक भगोड़ा देश के नए आर्मी चीफ का चयन कर सकता है.
इमरान खान ने आरोप लगाया था कि सरकार निष्पक्ष चुनाव से डरती है और नए सेना प्रमुख की नियुक्ति तक चुनाव में देरी कर रही है. खान ने कहा कि आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ अपने पसंदीदा को अगला आर्मी चीफ बनाना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने देश का पैसा चुराया है. इमरान खान ने कहा कि इन लोगों को डर है कि जब देशभक्त आर्मी चीफ आएगा, तो वह इन लोगों से चुराए हुए पैसे के बारे में पूछेगा. इमरान खान के इस बयान पर सेना ने नाराजगी जताई थी. सेना की ओर से कहा गया था कि सेना फैसलाबाद की एक रैली के दौरान पीटीआई अध्यक्ष द्वारा सैन्य नेतृत्व के बारे में अपमानजनक और गैरजरूरी बयानों से हताश है. अफसोस की बात है कि सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को ऐसे समय में बदनाम करने और कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, जब सेना हर दिन लोगों की सुरक्षा के लिए जी जान से जुटी है. पाकिस्तानी सेना ने कहा कि देश के वरिष्ठ नेता, जिन्हें संविधान की प्रक्रिया अच्छे से पता है, वे सेना प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भी इस बयान को लेकर इमरान खान पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, देश के सशस्त्र बलों और लोगों के बीच के रिश्ते को ठेस पहुंचाने का इरादा रखने वाला कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान का मित्र नहीं है. उन्होंने कहा, हमें एक राष्ट्र के इस बंधन को मजबूत करना होगा.
जनरल बाजवा पिछले 6 साल से आर्मी चीफ हैं. वे नवंबर के आखिरी हफ्ते में रिटायर हो रहे हैं. जनरल बाजवा शुरुआत में 2016 में आर्मी चीफ चुने गए थे. 2019 में उन्हें इमरान खान सरकार ने तीन साल का एक्सटेंशन दिया. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पर सेना प्रमुख की नियुक्ति का विशेषाधिकार होता है. जब इमरान खान सत्ता में थे, तब विपक्ष ने इमरान खान पर अपने पसंद का आर्मी चीफ चुनने का आरोप लगाया था. विपक्ष का आरोप था कि इमरान ऐसा करके विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने के एजेंडे को पूरा करना चाहते हैं. लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं. अब इमरान खान ये आरोप लगा रहे हैं कि विपक्ष की सरकार अपने पसंदीदा व्यक्ति को आर्मी चीफ बनाना चाहती है, ताकि गठबंधन सरकार लूटी गई संपत्ति की रक्षा कर सके और आम चुनावों में धांधली कर सके. पाकिस्तान में ज्यादातर समय में सैन्य जनरलों द्वारा सीधे तौर पर शासन किया गया है. हालांकि, अभी जनरल बाजवा पूरे हालातों पर चुप्पी साधे हुए हैं. माना जा रहा है कि इस सियासी लड़ाई में एक बार फिर जनरल बाजवा को फायदा मिल सकता है.