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कल से पीएम मोदी का दो दिवसीय बांग्लादेश दौरा, सैन्य सहयोग मजबूत करने पर भी होगा चर्चा
Apurva Srivastav
25 March 2021 4:11 PM GMT
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा कई लिहाज से अनूठी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा कई लिहाज से अनूठी होगी। कोरोना काल की शुरुआत के बाद विदेश दौरे के लिए बांग्लादेश का चयन कर मोदी ने जहां नेबरहुड फर्स्ट नीति को आगे बढ़ाया है, वहीं इस यात्रा के दौरान उनका एजेंडा भी खास रखा गया है। मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में सैन्य सहयोग को लेकर खास तौर पर चर्चा होगी। दोनों नेताओं के बीच कनेक्टिविटी परियोजनाओं और ऊर्जा सहयोग के कुछ प्रस्तावों पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है।
गुरुवार को पीएम मोदी ने एक बयान जारी किया है, जो बताता है कि भारत सरकार इस यात्रा को कितना महत्व दे रही है। मोदी ने लिखा है, मैं पीएम शेख हसीना के आमंत्रण पर 26-27 मार्च, 2021 को बांग्लादेश यात्रा पर जा रहा हूं। मैं खुश हूं कि कोविड-19 महामारी के बाद पहली विदेश यात्रा पर किसी पड़ोसी देश जा रहा हूं। शुक्रवार को मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस समारोह और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के अवसर पर आयोजित समारोह में हिस्सा लूंगा।
जशोरेश्वरी काली मंदिर जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान 27 मार्च को जशोरेश्वरी काली मंदिर भी जाएंगे और वहां श्रद्धासुमन चढाएंगे। इस मंदिर को हिंदू समाज में काफी अहम माना गया है। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इसी दिन पीएम ओराकंडी भी जाएंगे और वहां के मतुआ समुदाय के लोगों से बातचीत भी करेंगे। मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों से मोदी वहीं पर मुलाकात करेंगे जहां इस समुदाय के श्रीहरिचंद्र ठाकुर ने अपना संदेश दिया था। पीएम मोदी ने अपने बयान में ये सारी जानकारी दी है।
शेख हसीना के नेतृत्व की तारीफ की
मोदी ने हाल के वर्षों में बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति के लिए पीएम हसीना के कुशल नेतृत्व की भी प्रशंसा की है। उन्होंने भारत की तरफ से बांग्लादेश को पूरा सहयोग देने की भी बात कही है। सनद रहे कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान उक्त दोनों कार्यक्रम 27 मार्च को रखा गया है और इसी दिन बंगाल में पहले चरण का चुनाव है।
खत्म हो चुकी हैं संदेह की वजहें
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में भारत और बांग्लादेश के बीच सैन्य सहयोग की शुरुआत हुई है, लेकिन अब इसे तेज गति से आगे बढ़ाया जा सकता है। दोनों देशों के बीच पूर्व में जो भी संदेह की वजहें थीं वह खत्म हो चुकी हैं और अब ये करीबी रणनीतिक साझीदार के तौर पर एक दूसरे को देख रहे हैं। भारत पहले से ही बांग्लादेश को अपनी सेना के आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण में मदद कर रहा है। हाल के वर्षों में बांग्लादेश के साथ कनेक्टिविटी परियोजनाओं को जो विस्तार दिया गया है वह भी आगे चल कर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का रास्ता साफ करेगा।
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