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पेरिस । भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के दौरे पर जा रहे हैं। इस बार वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो के आमंत्रण पर फ्रांस जा रहे हैं। यहां पर एलिसी पैलेस में आयोजित होने वाली बैस्टिल डे परेड में वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने जा रहे हैं। इस साल बैस्टिल डे परेड प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा की प्रतीक भी होगी। 107 वर्षों में पहली बार, भारतीय सेना की एक टुकड़ी बैस्टिल डे परेड के दौरान पेरिस में फ्रांसीसी सैनिकों के साथ मार्च करेगी। यह ऐतिहासिक मौका सैन्य इतिहास में भारतीय सैनिकों के द्वारा प्रदर्शित वीरता और बहादुरी को स्वीकार करने का एक पल होगा।
फ्रांस में बैस्टिल दिवस को फेटे नेशनले फ्रांसेइस या राष्ट्रीय दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। 14 जुलाई सन 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान इस दिन बैस्टिल के किले पर हमला हुआ था। इस दिन को उस हमले की याद के तौर पर मनाया जाता है। इस बार मिलिट्री परेड में तीनों भारतीय सेनाओं की 269 सैनिकों वाली टुकड़ी फ्रांस की सेनाओं के साथ मार्च करते हुए दिखाई देगी। भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच प्रथम विश्व युद्ध से ही आपसी संपर्क जारी है। इस युद्ध में लाखों भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था। इनमें से करीब 74,000 सैनिकों ने कीचड़ भरी खाइयों में लड़ाई लड़ी थी। ये सैनिक फिर कभी वापस नहीं लौटे। जबकि बाकी 67,000 सैनिक घायल हो गए थे।
भारतीय सैनिक फ्रांस की धरती पर भी बहुत बहादुरी से लड़े थे। उनके साहस, वीरता और सर्वोच्च बलिदान से न केवल दुश्मन को विफल कर दिया था,बल्कि उन्होंने युद्ध जीतने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध में 25 लाख से अधिक भारतीय सैनिकों ने एशिया से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस साल दोनों देश रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त अभ्यासों में हिस्सा ले रही हैं और अपने-अपने अनुभवों को भी साझा कर रही हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत और फ्रांस विश्वसनीय रक्षा भागीदार बन गए हैं। भारतीय सेना की टुकड़ी में 77 मार्चिंग सैनिक और बैंड के 38 सदस्य भी शामिल है। इसका नेतृत्व कैप्टन अमन जगताप कर रहे हैं। भारतीय नौसेना टुकड़ी का नेतृत्व कमांडर व्रत बघेल जबकि भारतीय वायु सेना की टुकड़ी का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी कर रहे हैं। भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान भी परेड के दौरान फ्लाई पास्ट में भाग ले रहे हैं। सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व पंजाब रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है जो भारतीय सेना की एक सबसे पुरानी रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट के सैनिकों ने दोनों विश्व युद्धों के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आयोजित अनेक ऑपरेशनों में भी भाग लिया है। प्रथम विश्व युद्ध में इन्हें 18 युद्धकतथा थियेटर सम्मान प्रदान किए गए थे। इस रेजिमेंट के वीर सैनिकों ने मेसोपोटामिया, गैलीपोली, फिलिस्तीन, मिस्र, चीन, हांगकांग, दमिश्क और फ्रांस में कई लड़ाई लड़ी हैं।
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