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ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में मिले पीएम मोदी को स्पेशल ट्रीटमेंट से इस देश को लगी मिर्ची, मुंह फुलाए नजर आए राष्ट्रपति

Renuka Sahu
15 Nov 2021 2:52 AM GMT
ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में मिले पीएम मोदी को स्पेशल ट्रीटमेंट से इस देश को लगी मिर्ची, मुंह फुलाए नजर आए राष्ट्रपति
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फाइल फोटो 

ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में पीएम मोदी को मिले स्पेशल ट्रीटमेंट से कई देशों को मिर्ची लगी है और इसमें पाकिस्तान के दोस्त तुर्की का नाम भी शामिल है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्लासगो जलवायु सम्मेलन (Glasgow Climate Summit) में पीएम मोदी (PM Modi) को मिले स्पेशल ट्रीटमेंट से कई देशों को मिर्ची लगी है और इसमें पाकिस्तान के दोस्त तुर्की (Turkey) का नाम भी शामिल है. जिस वक्त दुनिया के तमाम लीडर क्लाइमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहे थे, तुर्की इंडिया के स्पेशल ट्रीटमेंट का रोना रो रहा था. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की, लेकिन हुआ कुछ नहीं.

इन Leaders के लिए अलग थी व्यवस्था
ग्लासगो के पास इतने बड़े वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे. इस वजह से यूके ने सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधिमंडलों से होटल शेयर करने का आग्रह किया था. इसी तरह वर्ल्ड लीडर्स को सम्मेलन स्थल तक ले जाने के लिए बसों का इंतजाम किया गया था. हालांकि, तीन देश ब्रिटेन, अमेरिका और भारत के लिए विशेष व्यवस्थाएं थीं. इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष के लिए विशेष तौर पर बुक होटलों में रहने की अनुमति दी गई थी. इतना ही नहीं, बोरिस जॉनसन, जो बाइडेन और नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को कारों के काफिले के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे, जिसे देखकर तुर्की के राष्ट्रपति बुरी तरह जल गए.
Erdogan को मिला करारा जवाब
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रोटोकॉल में भेदभाव पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अपनी नाराजगी जाहिर की. तुर्की के राष्ट्रपति ने यह सवाल भी उठाया कि भारत का विशेषाधिकार प्राप्त व्यवहार को क्या माना जाए? इतना ही नहीं, उन्होंने विरोध स्वरूप खुद को कार्यवाही से दूर रखा. हालांकि, अधिकारियों ने इस स्पेशल व्यवस्था को उचित ठहराते हुए तुर्की को करारा जवाब दिया. गौरतलब है कि भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस लॉन्च किया है. पीएम मोदी ने साल 2070 तक देश की तरफ से नेट जीरो इमिशन का वादा किया है.
Turkey के राष्ट्रपति को नहीं आया कुछ समझ
तुर्की के राष्ट्रपति को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा समझाया गया कि भारत स्पेशल ट्रीटमेंट का हकदार है, क्योंकि उसने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी कुछ किया है. पीएम मोदी ने कई बड़े प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए हैं. जिनमें स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना और नमामि गंगे योजना प्रमुख हैं. इसके अलावा शिखर सम्मेलन में भी पीएम मोदी ने निश्चित तौर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हालांकि, ये बात अलग है कि तुर्की के प्रेसिडेंट को यह बात समझ में नहीं आई, और वो मुंह बनाये ही घूमते रहे.


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