प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर तुर्किये, ईरान और मेजबान उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों में आपसी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि पीएम मोदी और तुर्किये के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई है।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की और भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय संबंधों की पूरी समीक्षा की, जिसमें हमारे लोगों के लाभ के लिए आर्थिक संबंधों को और गहरा करने के तरीके शामिल हैं।' विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति एर्दोगन के बीच आपसी संबंधों के साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर मौजूदा हालात पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री की ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत हुई। 2021 में रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी पहली मुलाकात थी। दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। चाबहार बंदरगाह के विकास की प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व का उल्लेख किया। दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान के मौजूदा हालात और वहां के लोगों के लिए मानवीय मदद के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रईसी को अपनी सुविधा के अनुसार जल्द से जल्द भारत आने का न्योता दिया।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिरजियोएव के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बातचीत हुई। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति शौकत मिरजियोएव के साथ एक शानदार बैठक हुई। एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क), व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा हुई।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और संपर्क पर केंद्रित थी।