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पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के भारतीय कैंपस को दिया ग्रीन सिग्नल

Rani Sahu
14 May 2023 11:29 AM GMT
पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के भारतीय कैंपस को दिया ग्रीन सिग्नल
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मेलबर्न (आईएएनएस)| भारतीय छात्रों के दाखिले पर प्रतिबंध लगाने की मीडिया रिपोर्टों को पिछले महीने खारिज करने वाले आस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में कैंपस खोलने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूनिवर्सिटी ऑफ वुलंगॉन (यूओडब्ल्यू) के कुलपति प्रोफेसर पैट्रीशिया एम. डेविडसन की 12 मई को हुई मुलाकात के बाद विश्वविद्यालय को भारत में कोर्स कराने का लाइसेंस मिल गया।
यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में प्रो. डेविडसन ने कहा, हमें मंजूरी मिलने की खुशी है और हम इस साल के अंत में गिफ्ट सिटी में संचालन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
डेविडसन ने कहा, मैं ऑस्ट्रेलिया की सरकार, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने भारत में यूओडब्ल्यू की उच्च गुणवत्ता वाली ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा और शैक्षणिक परिवेश प्रदान करने के हमारे आपसी विजन को समर्थन दिया।
इस साल के आंकड़ों के अनुसार, 2,500 से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में वीओडब्ल्यू में नामांकित हैं, जिनमें व्यवसाय, इंजीनियरिंग और सूचना विज्ञान सबसे लोकप्रिय कोर्स हैं।
इस साल ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या 2019 के रिकॉर्ड 75 हजार से भी ज्यादा रहने की उम्मीद है।
डेविडसन ने कहा कि यूओडब्ल्यू का उद्देश्य सीखने, अनुसंधान और उद्योग सहयोग के लिए एक जगह बनाना है जो मिशन गिफ्ट सिटी का समर्थन करता है, और एक ऊंचे रैंक और अनुभवी वैश्विक विश्वविद्यालय द्वारा भारत के भीतर सस्ती ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा प्रदान करता है।
यूओडब्ल्यू की योजना इस साल के अंत में गिफ्ट सिटी में कंप्यूटिंग में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट और फाइनेंस डोमेन में मास्टर ऑफ कंप्यूटिंग के साथ शुरुआत करने की है, और फिर 2024 में मास्टर ऑफ एप्लाइड फाइनेंस और मास्टर ऑफ फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) को शामिल करने की है।
विश्वविद्यालय के बयान के अनुसार, इसके बाद 2025 में बैचलर्स ऑफ बिजनेस एंड कंप्यूटिंग साइंस का कोर्स शुरू होगा।
विश्वविद्यालय अपने गिफ्ट सिटी कैंपस में एक वैश्विक पूंजी बाजार अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रहा है, जो भारतीय पूंजी बाजारों पर ध्यान देने के साथ पीएचडी छात्रों को प्रशिक्षण देने और अनुसंधान के वितरण पर केंद्रित होगा।
इसके लिए यूओडब्ल्यू ने कहा कि उसने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के साथ काम शुरू कर दिया है और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) तथा सिंगापुर एक्सचेंज (एसजीएक्स) से उसे सैद्धांतिक समर्थन प्राप्त है।
गिफ्ट सिटी कैंपस में छात्रों के फीस ऑस्ट्रेलिया कैंपस की तुलना में आधी होगी।
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा मेरिट के आधार पर छात्रवृत्ति की व्यवस्था भी होगी ताकि प्रतिभाशाली और सक्षम छात्र गिफ्ट सिटी में अध्ययन कर सकें।
यूओडब्ल्यू के वरिष्ठ उपकुलपति प्रोफेसर एलेक्स फ्रिनो ने कहा, 21वीं सदी वास्तव में भारत की सदी है और हमें इसकी सफलता की कहानी और बेहतर दुनिया को आकार देने में इसके योगदान से जुड़ने पर गर्व है।
फ्रिनो ने कहा, भारत के युवा और विस्तारित कार्यबल तथा विशेषज्ञता के साथ प्रशिक्षित प्रतिभा की बढ़ती मांग ने यूओडब्ल्यू को देश में अपनी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण एवं शैक्षणिक क्षमताओं का निवेश करने और भविष्य के कुशल कार्यबल तैयार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है।
पिछले महीने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की एक र्पिोट में कहा गया था कि यूओडब्ल्यू उन पांच विश्वविद्यालयों में शामिल है, जिन्होंने देश में पढ़ाई के बहाने काम करने के लिए फर्जी आवेदनों में वृद्धि को देखते हुए कुछ भारतीय राज्यों के छात्रों पर रोक या प्रतिबंध लगाया था।
दावों से इनकार करते हुए यूओडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर लागू होने वाली ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय के मानक प्रवेश मानदंडों के अलावा भारतीय छात्रों के लिए हम कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हैं।
यूओडब्ल्यू ने कहा कि प्रतिबंध लगाने की बजाय उसने भारतीय छात्रों सहित सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, ताकि उनके आवेदनों के निष्पादन में लगाने वाला समय कम हो सके।
यूओडब्ल्यू ने पिछले साल कुलपति की लीडरशिप स्कॉलरशिप-इंडिया लॉन्च की थी। छात्रों को वित्तीय सहायता, नेतृत्व प्रशिक्षण, समर्पित शैक्षणिक सहायता, सामुदायिक नेटवर्किं ग और वैश्विक गतिशीलता के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
यूओडब्लयू के दुबई, हांगकांग और मलेशिया में कैंपस हैं, जिनमें से प्रत्येक में 200 से अधिक शैक्षणिक कर्मचारी कार्यरत हैं और इसके ऑस्ट्रेलियाई परिसरों के अलावा प्रत्येक में कम से कम 3,000 छात्रों का नामांकन है।
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