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जैन चौबिसी के साथ अनाकार युगल और ढोल बजाने वाली महिला की मूर्ति शामिल हैं।
भारत सरकार ने देश की 157 कलाकृतियों और पुरावशेषों को लौटाने पर न्यूयार्क जिला अटार्नी कार्यालय को धन्यवाद दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा के दौरान सौंपी गई इन कलाकृतियों को लेकर आए हैं। बता दें कि तस्करी और चोरी करके इन कलाकृतियों को अमेरिका ले जाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध कारोबार, चोरी और तस्करी से निपटने के प्रयासों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लगभग आधी कलाकृतियां (71) सांस्कृतिक हैं, जबकि अन्य आधे में से हिंदू धर्म (60), बौद्ध धर्म (16) और जैन धर्म (9) से संबंधित मूर्तियां हैं। पुरावशेषों के प्रत्यावर्तन पर पीएम मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका का आभार व्यक्त किया है।
On behalf of the Govt of India, @IndiainNewYork profusely thanks the Office of District Attorney of #NewYork County @ManhattanDA & its restitution team for their excellent support in return of #antiquities to #India. Look forward to their continued support.🇮🇳🇺🇸 @MEAIndia pic.twitter.com/XpaEjn4gly
— India in New York (@IndiainNewYork) September 26, 2021
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बहुत सी कलाकृतियां 11वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी की अवधि के बीच की हैं। कुछ पुरावशेष 2000 ईसा पूर्व के हैं। टेराकोटा का एक फूलदान दूसरी शताब्दी का है। करीब 45 पुरावशेषष ईसा पूर्व दौर के हैं। कांस्य संग्रह में मुख्य रूप से लक्ष्मी नरायण, बुद्ध, विष्णु, शिव पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की प्रसिद्ध मुद्राओं की अलंकृत मूर्तियां हैं।
देवताओं के अलावा कंकलामूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेश की भी मूर्तियां हैं।इन कलाकृतियों में तीन सिर वाले ब्रह्मा, रथ पर आरूढ़ सूर्य, शिव की दक्षिणामूर्ति, नृत्य करते गणेश की प्रतिमा भी है। इसी तरह खड़े बुद्ध, बोधिसत्व मजूश्री, तारा की मूर्तियां हैं। जैन धर्म की मूर्तियों में जैन तीर्थंकर, पद्मासन तीर्थंकर, जैन चौबिसी के साथ अनाकार युगल और ढोल बजाने वाली महिला की मूर्ति शामिल हैं।
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