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PM बोरिस जॉनसन ने किया ऐलान, ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए कोरोना टेस्ट होगा सस्ता व आसान
Apurva Srivastav
6 April 2021 6:26 PM GMT
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए होने वाली कोरोनावायरस टेस्टिंग को आसान और सस्ता बनाना चाहते हैं
ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने मंगलवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए होने वाली कोरोनावायरस टेस्टिंग (Coronavirus Testing) को आसान और सस्ता बनाना चाहते हैं. उन्होंने इस बात की ओर इशारा भी किया कि जल्द ही रैपिड टेस्ट की शुरुआत भी की जा सकती है. दरअसल, एयरलाइन इंडस्ट्री ने सरकार की इस बात को लेकर आलोचना की कि वर्तमान में होने वाली यात्रियों की कोरोना टेस्टिंग काफी कष्टदायक है.
ईजीजेट के बॉस जोहान लुंडग्रेन ने यात्रा को फिर से शुरू करने की सरकार की कुछ योजनाओं की आलोचना की है. साथ ही इसके लिए कोरोना टेस्टिंग की भूमिका पर सवाल भी उठाया गया है. जब ब्रिटिश पीएम से लुंडग्रेन की टिप्पणियों को लेकर पूछा गया और सवाल किया गया कि क्या यात्रियों की होने वाले पीसीआर टेस्ट को रैपिड टेस्ट से बदला जा सकता है. इस पर जॉनसन ने कहा कि मुझे लगता है कि हम चीजों को जितना संभव हो उतना आसान बनाना चाहते हैं.
अंतरराष्ट्रीय यात्रा की 17 मई की डेडलाइन को करेंगे पूरा
ब्रिटिश पीएम ने कहा, ईजीजेट के बॉस का इस मुद्दे पर ध्यान देना सही है. हम यह देखने जा रहे हैं कि हम चीजों को लचीला और सस्ता बनाने के लिए क्या कर सकते हैं. मैं अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू करना चाहता हूं. हमें वास्तविकता को स्वीकारना होगा. हम तुरंत अंतरराष्ट्रीय यात्रा को शुरू नहीं कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमने 17 मई की जो डेडलाइन बनाई है, उसे पूरा नहीं करेंगे.
अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए पीएम ने बनाई नई योजना
बता दें कि ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की एक नई योजना को तैयार किया है. ब्रिटेन में लंबे समय तक लॉकडाउन लागू था, इसके बाद अब सरकार की मंशा देश को फिर से खड़ा करने की है. नई योजना के तहत लोगों से कहा गया है कि वे हर हफ्ते दो बार कोरोना टेस्ट करवाएं. कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित होने वाले मुल्कों में ब्रिटेन टॉप 10 देशों में शामिल है. लेकिन हाल के दिनों में वायरस के मामलों में कमी देखने को मिली है.
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