विश्व
मलेशिया में पीएम इस्माइल साबरी की पार्टी ने राज्य चुनाव में एक बार फिर दर्ज की बड़ी जीत
Renuka Sahu
13 March 2022 4:59 AM GMT
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फाइल फोटो
मलेशिया के प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी की मलय पार्टी ने सत्तारूढ़ दल में अपने सहयोगियों और विपक्ष को हराकर जोहोर राज्य के चुनाव में शानदार जीत हासिल की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मलेशिया (Malaysia) के प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी (Malaysia PM Ismail Sabri Yaakob) की मलय पार्टी ने सत्तारूढ़ दल में अपने सहयोगियों और विपक्ष को हराकर जोहोर राज्य के चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) की दक्षिणी जोहोर राज्य (State Elections) में शनिवार की बड़ी जीत ने नवंबर में एक अन्य राज्य के चुनाव में उसकी जीत को प्रतिबिंबित किया और यह समर्थकों को जल्दी आम चुनावों की मांग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
आम चुनाव जुलाई 2023 तक होने के आसार नहीं हैं. यूएमएनओ के नेतृत्व वाले नेशनल फ्रंट गठबंधन ने 61 वर्षों तक मलेशिया पर शासन किया, लेकिन कई-अरब डॉलर के वित्तीय घोटाले के कारण 2018 में पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई. हालांकि, उन चुनावों में जीत हासिल करने वाला सुधारवादी गठबंधन दलबदल के कारण 2020 में टूट गया और नेशनल फ्रंट ने नयी सरकार के रूप में वापसी की.
कई साल से राजनीतिक उथल पुथल जारी
ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय के एक एशियाई विशेषज्ञ जेम्स चिन ने कहा, 'यह हाल के रुझानों की पुष्टि है. पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद लोगों ने नेशनल फ्रंट के लिए जोरदार मतदान किया क्योंकि वे स्थिरता चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि कम मतदान और अत्यधिक विभाजित विपक्ष यूएमएनओ के पक्ष में था.
अब आम चुनाव कराने पर होगा दबाव
चिन ने कहा, 'इस्माइल साबरी पर अब आम चुनाव कराने का जबरदस्त दबाव होगा. यूएमएनओ राज्य में इस जीत से उत्पन्न लय को बरकरार रखना चाहता है. आम चुनाव में एक बड़ी जीत का मतलब यह भी होगा कि यूएमएनओ बिना गठबंधन के अपने दम पर शासन कर सकता है.' इस्माइल ने सात महीने पहले देश की सत्ता संभाली थी, जब उनके पूर्ववर्ती पीएम ने सत्तारूढ़ गठबंधन में एक अन्य पार्टी से दलबदल के कारण इस्तीफा दे दिया था. यूएमएनओ के अध्यक्ष शीर्ष पद नहीं ले सकते हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार के आरोप से लड़ रहे हैं. इस्माइल की सरकार के पास कम बहुमत है और उन्होंने दलबदल होने की स्थिति में समर्थन के लिए विपक्ष के साथ एक समझौता किया था. राज्य की जीत पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक के प्रति लोगों की दिवानगी भी बताती है. जो दोषसिद्धि और भ्रष्टाचार को लेकर 12 साल की जेल की सजा के बावजूद चुनाव प्रचार में शामिल प्रमुख व्यक्ति रहे थे.
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