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बम से प्रधानमंत्री शेख हसीना को मारने की थी साजिश, 14 आतंकियों को सुनाई गई मौत की सजा

Apurva Srivastav
23 March 2021 12:53 PM GMT
बम से प्रधानमंत्री शेख हसीना को मारने की थी साजिश, 14 आतंकियों को सुनाई गई मौत की सजा
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बांग्लादेश की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 14 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है

बांग्लादेश (Bangladesh) की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) की हत्या की साजिश रचने (attempt to kill PM Sheikh Hasina) के आरोप में 14 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है. जुलाई, 2000 में दक्षिण पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली के दौरान उन्हें मारने का प्रयास किया गया था. अदालत ने मंगलवार को यह अहम फैसला सुनाया. ढाका के त्वरित सुनवाई न्यायाधिकरण-प्रथम के न्यायाधीश अबू जफर मोहम्मद कमरूज्जमां ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'मिसाल कायम करने के लिए इस फैसले को फायरिंग दस्ता लागू करेगा, जब तक कि कानून द्वारा इस पर रोक न लगाई जाए.'

सुनवाई के दौरान उनमें से नौ जेल से अदालत में लाए गए थे. न्यायाधीश कमरूज्जमां ने कहा कि दोषियों को बांग्लादेश के कानून के तहत मृत्युदंड की अनिवार्य समीक्षा के बाद उच्चतम न्यायालय के उच्च न्यायालय खंड की मंजूरी मिलने पर मौजूदा नियम के मुताबिक फांसी पर लटकाया जा सकता है. ये सारे दोषी प्रतिबंधित हरकत-उल-जिहाद बांग्लादेश के सदस्य हैं. बाकी पांच दोषी फरार हैं और उनकी गैर हाजिरी में उन पर सुनवाई चली तथा सरकार द्वारा नियुक्त वकीलों ने कानून के मुताबिक उनका बचाव किया.

चुनावी रैली के दौरान हत्या की थी साजिश
हरकत-उल-जिहाद बांग्लादेश के आतंकवादियों ने 21 जुलाई, 2000 को दक्षिण-पश्चिम गोपालगंज के कोटलीपाड़ा में एक मैदान के समीप 76 किलोग्राम बम लगा दिया था. वहां हसीना एक चुनाव रैली को संबोधित करने वाली थीं. इस साजिश में शामिल कई लोग अभी भी फरार हैं. अदालत ने कहा है कि फरार मुजरिमों की गिरफ्तारी या उनके आत्मसमर्पण कर देने के बाद फैसले को लागू किया जाए. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने रैली से ठीक पहले विस्फोटक सामग्री ढूंढ निकाली थी. इसके कुछ दिनों बाद पास की एक जगह पर 40 किलो विस्फोटक मिला था. 2017 में इसी मामले में अदालत ने 10 आतंकियों को सजा ए मौत सुनाई थी जबकि नौ अन्य को 20-20 साल की सजा मिली थी.

पहले भी कई बार हुए हमले
शेख हसीना पर पहले भी कई बार जानलेवा हमले हुए थे. 1975 में जब सेना ने तख्तापलट किया, उस समय पहली बार उन पर हमला हुआ था. शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और परिवार के अन्य सदस्यों को मार दिया गया था. हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना पर जर्मनी में भी हमला किया गया. 2004 में एक आतंकवाद रोधी रैली में उन पर ग्रेनेड से हमला किया गया था. इस हमले में 24 लोगों की जान चली गई थी और 500 से ज्यादा घायल हुए थे.


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