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एलएसी पर चीन सैन्य गतिविधि को कम करने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा है। पीएलए अरूणाचल प्रदेश से अतिरिक्त फोर्स को वापस बुलाने के बजाय चीन तवांग और वलांग सेक्टर में लगातार अतिरिक्त फोर्स और बड़ी संख्या में हथियारों की तैनाती कर रहा है।
चीन की कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट नजर आता है। पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री ने अपना पद छोड़ने से पहले सीमा पर स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भारत के साथ काम करने की बात कही थी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर है। पीएलए एलएसी पर सैन्य गतिविधि को कम करने के बजाया सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से अतिरिक्त फोर्स तैनात कर रहा है।
चीन पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि एलएसी पर पीएलए की सैन्य गतिविधि चिंता पैदा कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएलए 200 किलोमीटर लंबे सिक्किम सेक्टर और 1126 किलोमीटर लंबे अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में 4500 सैनिकों के साथ चार अतिरिक्त ब्रिगेड और बड़ी संख्या में हथियारों की तैनाती की हुई है।
भारत के लिए एलएसी पर पीएलए की अतिरिक्त सैन्य रिजर्व हमेशा से ही खतरा पैदा करती रही है। गौरतलब है कि सेक्टर में चीनी वाहनों की आवाजाही संकेत दे रही है कि तवांग सेक्टर में पीएलए ने अतिरिक्त फोर्स बढ़ा दी है। ऐसे में एलएसी पर चीनी सेना की मौजूगी संकट पैदा कर सकती है।
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