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नील आर्मस्ट्रॉन्ग को सबसे पहले चांद पर पहुंचाने वाले पायलट माइकल कॉलिंस का निधन

Deepa Sahu
28 April 2021 6:16 PM GMT
नील आर्मस्ट्रॉन्ग को सबसे पहले चांद पर पहुंचाने वाले पायलट माइकल कॉलिंस का निधन
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अपोलो-11 मिशन के पायलट और एस्ट्रोनॉट माइकल कॉलिंस का 28 अप्रैल 20201 यानी आज निधन हो गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अपोलो-11 मिशन के पायलट और एस्ट्रोनॉट माइकल कॉलिंस का 28 अप्रैल 20201 यानी आज निधन हो गया है. 90 वर्षीय माइकल कॉलिंस को दुनिया इसी बात के लिए जानती है कि उन्होंने ही Apollo-11 मिशन को चांद पर सफलतापूर्वक उतारा था. वहीं नील आर्मस्ट्रॉंन्ग ने चांद पर पहला कदम रखा था. उसके बाद बज एल्ड्रिन ने अपने पैर चांद की सतह पर रखे थे.




माइकल कॉलिंस (फोटोः बीच में) का एकमात्र उद्देशय यह था कि वो अपोलो-11 (Apollo-11) को सही और सुरक्षित तरीके से चांद की सतह पर उतारें. इसके बाद नील और बज को लेकर वापस धरती की ओर आ सके. अपोलो-11 अंतरिक्ष यान को 1969 में अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से सुबह 08:32 बजे लॉन्च किया गया था.


अपोलो-11 से निकलकर चांद तक जिस मॉड्यूल में ये नील और बज गए थे, उसका नाम द ईगल था. इन तीनों एस्ट्रोनॉट्स के लिए चांद की यात्रा आसान नहीं थी. यात्रा की शुरुआत हुई थी कि धरती से रेडियो संपर्क टूट गया था. इसके बाद यान के कंप्यूटर में ग्लिच आया था. द ईगल में ईंधन की कमी भी थी.


नील, बज और माइकल की टीम चांद की यात्रा पूरी करने के बाद 24 जुलाई 1969 को वापस धरती पर लौटी थी. इनके लैंडिंग कैप्सूल का स्पैल्श डाउन प्रशांत महासागर में हुआ था. अपोलो-11 मिशन को पूरा करने के लिए दुनियाभर के 40 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी मेहनत और समय का योगदान दिया था.
माइकल कॉलिंस के निधन पर नासा के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर स्टीव जुरसिक ने कहा कि अमेरिका और दुनिया ने आज सच्चा एस्ट्रोनॉट खो दिया है. माइकल कॉलिंस हमेशा से अंतरिक्ष में खोज के लिए तैयार रहते थे. माइकल को इतिहास का सबसे अकेला इंसान भी कहा जाता था, क्योंकि इनके साथियों ने तो चांद पर चहलकदमी की, लेकिन ये यान के साथ चांद का चक्कर लगा रहे थे.
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