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PHOTOS: बेरुत विस्फोट के दौरान अपनों को खोने वाली लड़कियों के लिए बूढ़ी महिला ने बनाईं गुड़िया, वायरल हुई पोस्ट

Neha Dani
29 Nov 2020 9:49 AM GMT
PHOTOS: बेरुत विस्फोट के दौरान अपनों को खोने वाली लड़कियों के लिए बूढ़ी महिला ने बनाईं गुड़िया, वायरल हुई पोस्ट
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लेबनान की राजधानी बेरुत के लिए बीता 4 अगस्त एक विनाशकारी दिन था |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| लेबनान की राजधानी बेरुत के लिए बीता 4 अगस्त एक विनाशकारी दिन था क्योंकि बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट ने लेबनान की राजधानी को हिला कर रख दिया था. चारों तरफ भीषण तबाही मची थी और धमाके में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई जबकि कई लोग घायल हुए थे. अब एक बुजुर्ग महिला, योलांडे लाबाकी ने विस्फोट के दौरान अपनों को खोने वाली लड़कियों के लिए गुड़िया बनाकर बेरुत में बच्चों के बीच मुस्कान लाने का फैसला किया है.

योलांडे लाबाकी एक कलाकार हैं, विस्फोट के बाद से, 5 अगस्त से, योलांडे सुबह जल्दी उठती हैं और गुड़िया बनाना शुरू कर देती हैं. अब तक, वह 77 गुड़िया बना चुकी हैं, और अभी 23 और पूरे करने हैं. हर गुड़िया को उस लड़की का नाम दिया जाएगा जिसने अपने परिजनों और रिश्तेदारों को खोया है.


लड़कियों के लिए बूढ़ी महिला ने बनाई गुड़िया
अकरम नेहमे ने फेसबुक पर एक पोस्ट में योलंडे की कहानी को साझा किया है. फ्रांसीसी से अंग्रेजी में अनुवादित, पोस्ट में कहा गया है, "धमाके में मारे गए लोगों को मरहम लगाने की योलांडे लाबाकी द्वारा एक पहल. 4 अगस्त, 2020 हमेशा के लिए नुकसान का पर्याय बन जाएगा. बच्चों की जान, माल की हानि हुई. उन्होंने अपने खिलौनों को आग में जलते हुए देखा.

लड़कियों के लिए बूढ़ी महिला ने बनाई गुड़िया
दादी और जानी-मानी प्रतिभाशाली कलाकार, योलांडे लाबाकी, अपनी 100 से ज्यादा गुड़िया लड़कियों को देने के लिए शानदार काम कर रही हैं. 5 अगस्त के बाद वो हर सुबह जल्दी उठती हैं और अपना काम शुरू कर देती है. वह अपनी 78वीं गुड़िया पर काम कर रही हैं. उनमें से प्रत्येक को उस लड़की का नाम दिया जिनके परिजनों की मौत हुई है.
लड़कियों के लिए बूढ़ी महिला ने बनाई गुड़िया
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में बेरूत शहर के बंदरगाह क्षेत्र में दो विस्फोट हुए थे. कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि विस्फोट "पुरानी विस्फोटक सामग्री" के कारण हो सकता है. कई लोगों ने यह भी कहा कि विस्फोट की जगह वह क्षेत्र था जहां आतिशबाजी के लिए बारूद का भंडारण किया गया था.


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