x
जब पाकिस्तान के बासमती में तय मात्रा से अधिक ट्राइकोजॉल पाये जाने की शिकायत मिली है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने अब अपने देश के कृषि उत्पादों को भी निर्यात करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान द्वारा यूरोपियन यूनियन को एक्सपोर्ट किये बासमती चावल में कीटनाशक के अंश पाये जा रहे हैं. इससे पहले भारत के साथ भी यह समस्या आयी थी जब यूरोपियन यूनियन ने अपने देश में आयात होने वाले कृषि उत्पादों में रहने वाले कीटनाशकों के अंश की पाये जाने वाले अधिकतम कीटनाशक की जायज मात्रा को घटाकर और भी कम कर दिया था. पर भारत ने इस समस्या का समाधान कर लिया था.
पाकिस्तान को अपने बासमती एक्सपोर्ट में यह समस्या इसलिए आ रही है क्योंकि यहां से होने वाले बासमती एक्सपोर्ट में ट्राइकोजॉल कीटनाशक के अंश पाये जा रहे हैं. हालांकि इस बारे में पाकिस्तान में पिछले कुछ सप्ताह में एक दो बार चर्चा भी हुई है.
लग सकता है बैन
पिछले दिनों पाकिस्तान के लाहौर में धान की फसल में कीटनाशकों की अधिकतम मात्रा विषय पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया था. इस दौरान यह इस बात पर भी चिंता जतायी गयी कि अगर बासमती चावल में कीटनाशक का अंश अधिक मात्रा में पाया गया तो यूरोपियन यूनियन पाकिस्तान से इम्पोर्ट करने वाले बासमती चावल पर बैन लगा सकता है.पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोपियन यूनियन ने सौ से अधिक बार पाकिस्तान को अलर्ट भेज चुका है. इसके अलावा पाकिस्तान की ओर से भेजे गये चावल को कई बार रिजेक्ट भी कर चुका है. इसके बाद से ही लगातार पड़ोसी देश में कीटनाशकों के प्रयोग और खाद्दान में पाये गये इसके अंश की मात्रा को लेकर कई सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस और यूरोपियन यूनियन ने मानक मात्रा से अधिक पेस्टीसाइड ट्राइकोजॉल पाये जाने के कारण बासमती चावल के 161 कंसाइनमेंट को रिजेक्ट कर दिया है.
जून 2022 तक समाधान की उम्मीद
इधर बुधवार को भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वेबिनार के जरिये यूरोपियन यूनियन के अधिकारियों का साथ बातचीत की. इस दौरान कृषि मंत्री ने अधिकारियों के साथ ब्रुसेल्स द्वारा आयातित खाद्यान्नों में मानक कीटनाशकों की मात्रा को और अधिक घटाए जाने पर चर्चा की. कृषि मंत्री ने कहा कि जिस तरीके से यूरोपियन यूनियन ने आयातित खाद्यान्नों में कीटनाशक ट्राइकोजॉल की मानक तय मात्रा को और घटा दिया है इसके कारण यूरोप में भारत का बासमती एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है. उन्होंने यूरोपियन यूनियन से कहा की इससे संबंधित कागजात इस साल के मई में ही सौंप दिये गये थे. जून 2022 तक इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.
पिछले साल मिली थी शिकायत
कृषि मंत्री के साथ चर्चा में शामिल यूरोपियन कमिशन के अधिकारियों ने कहा कि वो अपने सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर बात करेंगे. यूरोपियन यूनियन की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद भारत साल 2018 से ही बासमती के एक्सपोर्ट में परेशानियों का सामना कर रहा है. ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि बासमती चावल में 19.9 प्रतिशत कीटनाशक का अंश पाया गया. इसके लिए 1128 सैंपल की जांच की गयी थी. इनमें से 45 सैंपल में कीटनाशक अंश की मात्रा तय मानक से भी अधिक पायी गयी.
द फेडरेशन ऑफ यूरोपियन राइस मिलर्स ने पिछले साल ही इस बात की शिकायत की थी भारत से भेजे गये बासमती चावल में कि ट्राइकोजॉल के अलावा थियामेथोक्सम और बूप्रोफेजिन एक अंश भी तय मात्रा से अधिक पाये गये थे.
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के कृषि उत्पादों में कीटनाशक के अंश पाये जा रहे हैं क्योंकि यहां के किसान जितनी जरूरत है उससे अधिक मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं. यूरोपियन यूनियन को एक्सपोर्ट किये गये खाद्यान्नों में तय मात्रा से अधिक कीटनाशक के अंश पाये जाने के कारण 2017 में यूनियन ने भारत को प्रतिबंधित कर दिया था. अब पाकिस्तान को भी इस बात का डर सताने लगा है कि कही उसे भी प्रतिबंधित नहीं कर दिया जाए. क्योंकि भारत पर लगे प्रतिबंध के बाद ही यूरोपियन यूनियन ने पाकिस्तान से बासमती चावल का आयात शुरु किया था.
इसके बाद पाकिस्तान ने 2018 में एक समिति का गठन किया था, जो कीटनाशकों के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी करती है, ताकि यूरोपियन यूनियन में पाकिस्तान अपने एक्सपोर्ट का दायरा बड़ा सके. इसके बाद यह पहली बार है जब पाकिस्तान के बासमती में तय मात्रा से अधिक ट्राइकोजॉल पाये जाने की शिकायत मिली है.
Next Story