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अहमदिया समुदाय का पाकिस्तान में उत्पीड़न जारी, पत्र के जरिए सुरक्षा हटाने की मांग की

Neha Dani
2 Aug 2022 4:06 AM GMT
अहमदिया समुदाय का पाकिस्तान में उत्पीड़न जारी, पत्र के जरिए सुरक्षा हटाने की मांग की
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जबकि इस्लाम से जुड़ी बुनियादी धार्मिक प्रथाओं को उनके लिए मना किया गया है।

पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के उत्पीड़न के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही कुछ उस वक्त देखने को मिला। जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) पंजाब के उपाध्यक्ष मलिक इलियास अवान ने अहमदिया समुदाय की सुरक्षा तुरंत हटाने की मांग की। स्थानीय मीडिया ने बताया कि अवान ने 30 जुलाई को खुशाब के उपायुक्त को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि अहमदियों को सुरक्षा देना पाकिस्तान के संविधान का मजाक है, जिसे तुरंत हटा देना चाहिए।


पत्र के जरिए सुरक्षा हटाने की मांग की
उन्होंने पत्र में लिखा था कि यह अनुरोध किया जाता है कि कादियानी समुदाय के लोग इस्लामिक राज्य पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से पूजा नहीं कर सकते हैं। अवान ने डीसी खुशाब को लिखे पत्र में आगे कहा कि पाकिस्तान एक इस्लामिक राज्य है, जबकि हर शुक्रवार को जोहराबाद न्यू सैटेलाइट टाउन स्थित तारिक विर्क के घर पर नमाज अदा की जाती है और उपदेश दिया जाता है जो पूरी तरह से इस्लामिक संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में अहमदियाओं की उपस्थिति बच्चों के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। अवान ने लिखा कि यह अनुरोध किया जाता है कि उनकी (अहमदिया) सुरक्षा तुरंत हटा दी जानी चाहिए और इस संबंध में जांच की जानी चाहिए।

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने जताई चिंता
इस बीच, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को पीएमएल-क्यू पंजाब के उपाध्यक्ष मलिक इलियास अवान के स्थानीय अहमदिया समुदाय को खुशाब से बेदखल करने और उनकी सुरक्षा वापस लेने के आह्वान की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा कि लंबे समय से सताए गए इस समुदाय पर अत्याचार बंद होना चाहिए। किसी भी नागरिक को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि कोई नागरिक कहां रहना चाहता है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह अहमदिया समुदाय के जीवन के अधिकार की रक्षा करे, जहां वे चाहें वहां रहें और अपने विश्वास को सुरक्षित रूप से स्वीकार करें।

40 लाख है पाकिस्तान में अहमदियों की संख्या
पाकिस्तान में अहमदियों की संख्या लगभग 40 लाख है, लेकिन पाकिस्तानी संविधान द्वारा 1974 के बाद से समुदाय को खुद को मुस्लिम कहने को कोई अधिकार नहीं है बल्कि उन्हें यहां काफिर माना जाता है। नतीजतन, अहमदियों को अपने प्रार्थना घरों को मस्जिद कहने की भी अनुमति नहीं है, जबकि इस्लाम से जुड़ी बुनियादी धार्मिक प्रथाओं को उनके लिए मना किया गया है।

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