एक ओर पूरी दुनिया में मीडिया की न्यूज रिपोर्टों पर लोगों का भरोसा घटा है, वहीं भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां न्यूज के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। इसका खुलासा रॉयटर्स के सर्वे में हुआ है।
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट ने पिछले हफ्ते अपने डिजिटल न्यूज रिपोर्ट का 11वां संस्करण जारी किया। इसमें पता चला कि पूरी दुनिया में अन्य चीजों के साथ ही सोशल मीडिया के जरिये न्यूज की खपत में वृद्धि हुई है। हालांकि मीडिया द्वारा न्यूज रिपोर्टों पर भरोसे में भारी गिरावट आई है और न्यूज से विश्वास का उठना लोगों की प्रवृत्ति बनती जा रही है। भारत उन सात देशों में से एक है जहां न्यूज के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है।
भारत में यह वृद्धि तीन फीसदी बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई है। फिनलैंड में न्यूज पर लोगों का विश्वास पूरी दुनिया में सबसे अधिक 69 फीसदी है। वहीं दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका में न्यूज के प्रति भरोसे में तीन फीसदी की गिरावट आई है और यहां के 26 फीसदी लोगों ही न्यूज पर विश्वास है। सर्वे में यह भी पता चला कि दुनिया में न्यूज पर विश्वास कोरोना काल से पहले की तुलना में ज्यादा और वर्ष 2015 की अपेक्षा में कम है।
भारत में 53 फीसदी लोग न्यूज के लिए यूट्यूब का सहारा ले रहे
भारत में हुए सर्वे से पता चला कि देश में न्यूज के लिए 53 फीसदी लोग यूट्यूब की मदद ले रहे हैं जबकि 51 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। सर्वे में शामिल 12 प्रमुख देशों में फेसबुक न्यूज (30 प्रतिशत) के लिए सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्क बना हुआ है। इसके बाद यूट्यूब (19 प्रतिशत) और व्हाट्सएप (15 प्रतिशत) का स्थान है।
न्यूज तक पहुंचने के माध्यम के रूप में फेसबुक की लोकप्रियता में 2016 के बाद से 12 प्रतिशत की गिरावट आई है। अपेक्षाकृत ज्यादा युवा आबादी वाला भारत भी एक मजबूत मोबाइल केंद्रित बाजार बन चुका है। यहां स्मार्टफोन के माध्यम से अब 72 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं, जबकि कंप्यूटर के माध्यम से केवल 35 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं। वहीं, न्यूज एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म और एप जैसे गूगल न्यूज (53 फीसदी), डेली हंट (25 फीसदी), इनशॉर्ट्स (19 फीसदी), और न्यूजपॉइंट (17 फीसदी) न्यूज तक पहुंचने के अहम माध्यम बन गए हैं।
भारत में न्यूज के लिए 84 प्रतिशत ऑनलाइन और 49 फीसदी प्रिंट का उपयोग करते हैं
भारत में जिन लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया, उनमें से 84 फीसदी लोग ऑनलाइन ही न्यूज देखते हैं। साथ ही यहां 63 प्रतिशत लोग न्यूज सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिये देखते हैं, लेकिन अभी भी 59 प्रतिशत लोग समाचार के लिए टेलीविजन का ही उपयोग करते हैं, जबकि 49 प्रतिशत लोग समाचार के लिए प्रिंट मीडियम का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में ये हैं भरोसेमंद ब्रांड
भारत में सार्वजनिक प्रसारकों में डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो सबसे भरोसेमंद ब्रांड हैं। रिपोर्ट में अंग्रेजी भाषी लोगों ने इंडिया टुडे टीवी, एनडीटीवी 24×7 और बीबीसी को सबसे लोकप्रिय बताया। प्रिंट में टाइम्स ऑफ इंडिया, इकनॉमिक टाइम्स और हिंदुस्तान टाइम्स की बादशाहत कायम है और इन सभी ब्रांडों को मिला दिया जाए तो न्यूज में भरोसा बढ़कर 41 प्रतिशत हो जाता है। कोरोना महामारी के बाद 2021 में प्रिंट मीडिया की आय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
युवाओं में न्यूज को लेकर कम दिलचस्पी
सर्वे में यह भी पता चला कि 30 वर्ष से कम उम्र के लोग सीधे न्यूज मीडिया से जुड़ने में बहुत कम दिलचस्पी रखते हैं और पत्रकारिता को कैसा दिखना चाहिए, इस पर अलग-अलग विचार हैं। वहीं, अब ज्यादातर लोगों के पास न्यूज जानने के लिए कई और विकल्प आ गए हैं, जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स या फिर मोबाइल एग्रीगेटर। वहीं, कई देशों में 30 साल से कम उम्र के युवाओं के बीच टिकटॉक काफी ज्यादा प्रचलित है और ये आंकड़ा 40 प्रतिशत तक जा पहुंचा है और उनमें से 15 प्रतिशत न्यूज के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। वहीं, अन्य प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और यूट्यूब भी इस समूह के भीतर न्यूज तक पहुंचने के लिए अधिक लोकप्रिय हो गए हैं, जबकि फेसबुक के जरिये भी लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आगे
सर्वे में मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म के बीच जब अध्ययन किया गया तो पता चला पहली बार सोशल मीडिया के जरिये लोगों की न्यूज तक पहुंच और न्यूज आउटलेट के जरिये न्यूज तक पहुंच से ज्यादा हो चुकी है। अब 28 फीसदी लोग सोशल मीडिया के जरिये न्यूज प्लेटफॉर्म तक पहुंच रहे हैं, जबकि सीधे न्यूज प्लेटफॉर्म तक सिर्फ 23 प्रतिशत ही पहुंच रहे हैं। यह 2018 की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। मतलब पिछले 4 सालों में लोगों की सीधे न्यूज तक पहुंचना 9 फीसदी कम हो गया है।
ज्यादा राजनीति व कोविड-19 की खबरों से विमुख हुए लोग
सर्वे में बेहद दिलचस्प बात पता चली। लोगों में सिलेक्टिव न्यूज पढ़ने या फिर नहीं पढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसके चलते कई देशों में लोग न्यूज से तेजी से अलग हो रहे हैं। न्यूज पढ़ना बंद करने वालों का कहना है कि न्यूज में बहुत अधिक राजनीति और कोविड-19 की खबरें रहती हैं और ये उनके दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं।
ऐसे किया गया सर्वे
न्यूज में लोगों के भरोसे को लेकर ये निष्कर्ष रॉयटर्स इंस्टीट्यूट डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2022 में शामिल हैं, जिसे रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म द्वारा किया गया। यह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग का हिस्सा है। यह रिपोर्ट समझने में मदद करने के लिए है कि विभिन्न देशों में समाचारों का उपभोग कैसे किया जा रहा है। सर्वे में एशिया में 11, दक्षिण अमेरिका में पांच, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में तीन और यूरोप में 24 सहित कुल 46 देश शामिल हैं। ये दुनिया की आधी से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक देश में 2,000 से अधिक लोगों से सवाल-जवाब किए गए हैं।