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श्रीलंका में महंगाई की मार से बेहाल जनता, बगावत पर उतरे लोग, अब भारत की ओर नजरें
Gulabi Jagat
16 March 2022 2:13 PM GMT
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श्रीलंका में महंगाई की मार से बेहाल जनता
कोलंबो, एजेंसियां। श्रीलंका में महंगाई की मार से बेहाल जनता बगावत पर उतर आई है। दरअसल चीन के कर्ज जाल में बुरी तरह उलझे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था धराशाई होने की ओर है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्त में श्रीलंका को भारी कर्ज और बढ़ती कीमतों की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। इससे खाद्यान्न और ईंधन की किल्लत हो गई है। नतीजतन नागरिकों का धैर्य जवाब दे गया है और वे सरकार का विरोध कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे खराब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। महंगाई से त्रस्त भीड़ ने बुधवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कार्यालय पर धावा बोलने की कोशिश की। समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है जिससे श्रीलंकाई सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यही नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध से आपूर्ति श्रृंखला में बाधा पहुंचने के कारण गेहूं की कीमतों में भी भारी बढोतरी हो रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 तक श्रीलंका पर 35 अरब डालर का विदेशी कर्ज था जिसमें चीन की हिस्सेदारी करीब 10 फीसद थी। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि श्रीलंका के स्वामित्व वाले उद्यमों और उसके केंद्रीय बैंक को कर्ज लेने पर चीन का कुल कर्ज बहुत अधिक हो सकता है।
एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका के पर्यटन पर भी रूस-यूक्रेन युद्ध की मार पड़ी है। जनवरी 2022 में कुल 82,327 पर्यटक आए जिसमें से लगभग 26 फीसद इन देशों से थे। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने चीन से रहमदिली की उम्मीद लगाई थी लेकिन उन्हें मायूसी हाथ लगी है। नतीजतन श्रीलंका की नजरें अब भारत पर हैं। श्रीलंका अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों से निवेश पर विचार कर रहा है।
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