विश्व

कजाक‍िस्‍तान की सरकार को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का लोगों ने जमकर किया विरोध, इमरजेंसी लागू

Neha Dani
5 Jan 2022 8:45 AM GMT
कजाक‍िस्‍तान की सरकार को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का लोगों ने जमकर किया विरोध, इमरजेंसी लागू
x
दफ्तरों पर हमलों का आह्वान पूरी तरह अवैध है. हम विवाद नहीं आपसी भरोसा और बातचीत चाहते हैं.’

कजाक‍िस्‍तान की सरकार को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का लोगों से जमकर विरोध झेलना पड़ा है. बवाल इस कदर बढ़ा गया कि सरकार को इस्‍तीफा देना पड़ा है और देश में आपातकाल यानी इमरजेंसी लगा दी गई है. इसकी अवधि 5 जनवरी से 19 जनवरी तक है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए देश के राष्ट्रपति कसीम जोमार्ट टोकायव ने देश की वित्तीय राजधानी अल्माटी और मंगिस्टाऊ क्षेत्र में रात 11 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. हालात ऐसे थे कि कई जगहों पर पुलिस ने भीड़ का गुस्सा शांत करने के लिए लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया.

आपातकाल की स्थित‍ि के दौरान हथियारों, गोला-बारूद और शराब की ब‍िक्री पर प्रत‍िबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही वाहनों सहित आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है. इस देशव्यापी बवाल से जुड़े कई वीडियो सोशल मीड‍िया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. इसमें कजाकिस्तान की जनता को सेना और पुलिस की गाड़ियों को रोकने के साथ उनमें आग लगाते हुई साफ देखा जा सकता है.
लोगों से की गई घरों में रहने की अपील
देश में जारी मौजूदा हालात पर काबू पाने के लिए लोगों को घरों में ही रहने की अपील की गई है. प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए कुछ जगहों पर स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर दिया था और देश के बड़े हिस्सों में कुछ मैसेजिंग ऐप्स को भी ब्लॉक किया था. राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि अल्माटी और मंगिस्टाऊ क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा, विशेष रूप से रणनीतिक सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है.
मांगिस्ताऊ से शुरू हुई थी विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
देश में ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन जल्द ही देश के सभी हिस्सों में फैल गया और कजाखस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी से आने वाले वीडियो फुटेज में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में भीड़ को नियंत्रित करने वाले वाहन दिखे थे. विरोध प्रदर्शन की शुरुआत मांगिस्ताऊ से शुरू हुई थी. यह प्रांत तेल का केंद्र है, जहां हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति तोकायेव ने देश के नाम एक संबोधन में कहा, 'सरकार और सेना के दफ्तरों पर हमलों का आह्वान पूरी तरह अवैध है. हम विवाद नहीं आपसी भरोसा और बातचीत चाहते हैं.'


Next Story