विश्व

कंबोडिया में चीन के विरोध सड़कों पर उतरे लोग, पुलिस की हिरासत में सैकड़ों प्रदर्शनकारी, जानें क्या है पूरा मामला

Gulabi
23 Oct 2020 12:35 PM GMT
कंबोडिया में चीन के विरोध सड़कों पर उतरे लोग, पुलिस की हिरासत में सैकड़ों प्रदर्शनकारी, जानें क्या है पूरा मामला
x
कंबोडिया सरकार के लिए चीनी नेवल बेस का मुद्दा गले की फांस बनता जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नामपेन्ह- कंबोडिया सरकार के लिए चीनी नेवल बेस का मुद्दा गले की फांस बनता जा रहा है। हजारों की संख्या में कंबोडियाई लोगों ने अपने राष्ट्रध्वज के साथ राजधानी नामपेन्ह में चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची कंबोडिया की पुलिस ने जबरदस्ती सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस के साथ हुई झड़प में कई लोगों को चोट भी लगी है। कुछ ही दिन पहले कंबोडिया ने कर्ज को चुकाने के एवज में थाइलैंड की खाड़ी में स्थित रीम नेवल बेस को 99 साल के लिए चीन को सौंप दिया था।

कंबोडिया में चीनी फौज को लेकर नाराज हैं लोग

रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी दूतावास के सामने कह रहे थे कि उन्हें कंबोडिया में चीन की सैन्य उपस्थिति स्वीकार नहीं है। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने बलप्रयोग करते हुए दूतावास के सामने से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। नामपेन्ह पुलिस के प्रवक्ता सैन सोक सेहा ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को पूछताछ के लिए ले जाया गया क्योंकि रैली को परमिट नहीं दिया गया था।

कंबोडिया ने 99 साल के लिए चीन को सौंपा

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडिया ने अपने इस नेवल बेस को 99 साल की लीज पर चीन की कंपनी तियानजिन को दे दिया है। यह कंपनी इस पोर्ट को विकसित करने के लिए 3.8 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इस समझौते के तहत चीन की नौसेना इस ठिकाने को अगले 40 सालों तक इस्तेमाल कर सकेगी। यह कंपनी पास के एक हवाई अड्डे को भी विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि चीन यहां अपने एडवांस जे-20 लड़ाकू विमानों को तैनात कर सकता है।

कंबोडिया में चीन ने किया है 10 अरब डॉलर का निवेश

कंबोडिया पर कब्जा करने की नीयत से चीन साल 2017 से भारी निवेश कर रहा है। वर्तमान समय में चीन ने कंबोडिया में लगभग 10 अरब डॉलर का निवेश किया है। इतनी बड़ी राशि को चुकाने में कंबोडिया जैसा गरीब देश नाकाम हो गया है। इसी के कारण उसने चीन की बात मानते हुए रीम नेवल बेस को गिरवी रख दिया है। वहीं, चीन पहले की ही तरह इस बात से इनकार कर रहा है कि उसने कर्ज के जाल में फंसाकर कंबोडिया से यह पोर्ट हासिल किया है।

Next Story