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दुनिया में बहुत से देश ऐसे हैं, जहां युद्ध और विद्रोहियों के आतंक के कारण आम लोगों की स्थिति बेहद खराब है.
दुनिया में बहुत से देश ऐसे हैं, जहां युद्ध और विद्रोहियों के आतंक के कारण आम लोगों की स्थिति बेहद खराब है. इन्हीं देशों में पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया (Ethiopia Tigray Conflict) का नाम भी शामिल है. इस देश के उत्तरी हिस्से में स्थित टिग्रे क्षेत्र में महिलाओं पर लगातार अत्याचार (Ethiopia Tigray Emergency) बढ़ रहे हैं. प्रशासन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि महिलाओं के साथ रेप के मामले (Violence Against Women in Ethiopia) तेजी से बढ़ रहे हैं. दरअसल इस पर्वतीय इलाके पर स्थानीय पार्टी टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) का नियंत्रण है. यहां संघीय सेना और टिग्रे विद्रोहियों के बीच बीते एक साल से संघर्ष जारी है.
इथियोपिया की महिला मंत्री फिलसन अब्दुल्लाही (Ethiopian Women's Minister Filsan Abdullahi) ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, 'हमें टिग्रे की जमीनी हकीकत को लेकर अपनी टास्कफोर्स की टीम से एक रिपोर्ट मिली है. वहां दुर्भाग्य से बलात्कार हो रहे हैं और इस अपराध को बिना किसी संदेह के अंजाम दिया जा रहा है.' इथियोपिया की सेना ने 4 नवंबर को टिग्रे में अपना ऑपरेशन शुरू किया था. प्रधानमंत्री अबी अहमद अली (Prime Minister Abiy Ahmed's) ने कहा था कि संघीय सेना और उसके सैन्य ठिकानों पर टीपीएलएफ से जुड़े विद्रोही लगातार हमला कर रहे हैं. जिसके बाद से यहां संघर्ष जारी है.
सरकार ने पहली बार की पुष्टि
इस इलाके में नवंबर के बाद से यौन शोषण से जुड़ी कई खबरें आ चुकी हैं, जिनके बारे में कई पीड़िताओं, डॉक्टरों और राहतकर्मियों ने भी बताया है. लेकिन पहली बार सरकार ने फिलसन के इस बयान पर पुष्टि की है. सरकार के इथियोपियाई मानवाधिकार आयोग (Ethiopian Human Rights Commission) का कहना है कि बीते दो महीनों में टिग्रे (Ethiopia Tigray Dispute) में 108 रेप के मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से आधे मामले क्षेत्र की राजधानी मकैले (Mekelle) से सामने आए हैं. बेशक प्रधानमंत्री के संघीय सैनिकों ने नवंबर के आखिर में मकैले (Ethiopia Tigray Battle) को TPLF के नियंत्रण से आजाद करा लिया था लेकिन फिर भी यहां लड़ाई जारी है.
संघीय सैनिकों पर भी लगे आरोप
हालांकि कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने रेप का आरोप संघीय सैनिकों और उनके सहयोगी बलों पर लगाया है. लेकिन इस तरह के दावों की पुष्टि नहीं हो सकी है. सरकार का कहना है कि वह यौन शोषण के मामलों में जीरो टॉलिरेंस की नीति अपनाएगी. मानवाधिकार आयोग का कहना है कि रेप के कई मामले (Rape Cases increased in Tigray Ethiopia) तो ऐसे हैं, जो दर्ज ही नहीं हुए हैं. आयोग ने कहा है, 'युद्ध और क्षेत्रीय प्रशासन की अस्थिरता के कारण क्षेत्र में लिंग आधारित भेदभाव बढ़ा है. पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों को महिलाएं यौन हिंसा के बारे में बताती थीं, वो भी नहीं हो रहा है.' महिला मंत्रालय अभी तक केवल मकैले और उसके आसपास के इलाकों तक ही पहुंच सका है. अब टिग्रे के सभी जिलों में विशेषज्ञों को तैनात किया जाएगा, तब रेप की ये संख्या और भी बढ़ सकती है.
क्या है संघर्ष का कारण?
इथियोपिया में क्षेत्रीय पार्टी टीपीएलएफ और केंद्र सरकार के बीच लंबे वक्त से तनाव (Ethiopia Tigray Conflict Explained) जारी है. यही तनाव अभी जारी संघर्ष की वजह भी है. यहां प्रधानमंत्री ने जून महीने में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव को कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को देखते हुए टाल दिया था. सरकार के इस कदम को टीपीएलएफ ने अवैध बताया और कहा कि प्रधानमंत्री अबी अहमद के पास बहुमत नहीं है. फिर नवंबर के शुरुआती हफ्ते में ही प्रधानमंत्री ने टीपीएलएफ के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया. साथ ही इसके पीछे की वजह बताई गई कि टीपीएलएफ के लड़ाकों ने मकैले स्थित सैन्य बेस पर हमला किया है. ऐसे लड़ाकों की संख्या करीब ढाई लाख है. जिसके बाद से इनके बीच लड़ाई जारी है.
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