चीन के लोगो का राष्ट्रपति जिनपिंग की सरकार के खिलाफ जन-आक्रोश
चीन में इन दिनों राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार के खिलाफ जन-आक्रोश देखा जा रहा है. इसे दबाने के लिए सरकार ने भी तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक जिआंगसू प्रांत के करीब 6-7 सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. उन्हें सख्त सजा दी गई है. सजा पाने वालों में देश की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की फेंग काउंटी इकाई के प्रमुख भी शामिल हैं. ट्विटर जैसे चीन के सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म वेईबो पर एक वीडियो सामने आने के बाद यह तमाम उठापटक हुई है. इस वीडियो में 8 बच्चों की एक मां के गले में लोहे की जंजीरें पड़ी दिखाई दे रही हैं. इसे उसे बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने और मानव-तस्करी का शिकार बनाए जाने का साफ संकेत मिलता है. इसके बाद पेकिंग यूनिवर्सिटी के करीब 100 पूर्व छात्रों ने सीधे राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखा है. इसमें उनसे मानव-तस्करी और महिलाओं की तस्करी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने की मांग की गई है.
सरकार की ओर से कराई जांच से पता चला कि वेईबो (Weibo) पर जिस महिला का वीडियो प्रसारित हुआ, वह यूनान प्रांत (Yunnan Province) के एक गांव की है. उसका नाम जियाओह्वामी बताया गया है. उसे 1990 के दशक में दो बार खरीदा-बेचा गया. दूसरी बार डोंग परिवार ने उसे खरीदा. इस परिवार के एक लड़के ने उससे शादी की. उसका उपनाम बदलकर यांग कर दिया गया. उसे अमानवीय परिस्थितियों में 8 बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया गया. समय-समय पर जंजीरों से बांधकर उसे प्रताड़ित भी किया गया. हालांकि अब जांच अधिकारियों ने महिला के पति सहित 9 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है. जांच का दायरा बढ़ाया भी गया है कि ताकि यह पता चल सके कि महिलाओं की तस्करी (Women Trafficking) के तार कितनी दूर तक फैले हुए हैं.