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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन तले होने वाली क्वाड
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन तले होने वाली क्वाड (Quad) समूह की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक होने वाली है. इससे एक दिन पहले पेंटागन (Pentagon) ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में सभी चुनौतियों को देखते हुए भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है. 'क्वाड मिनिस्टीरियल' (Quad ministerial) ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का अनौपचारिक समूह है. बता दें कि क्वाड की स्थापना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन (China) के अड़ियल रवैये से निपटने के लिए किया गया है.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सभी चुनौतियों को देखते हुए. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइज (Ned Price) ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कल (बृहस्पतिवार) सुबह, मंत्री ब्लिंकेन और जापान, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के उनके समकक्ष एक साथ बात करेंगे.
इन मुद्दों पर होची क्वाड के मंत्रियों की चर्चा
प्राइज ने कहा, हमारे दौर की बढ़ती चुनौतियों, कोविड-19 से निपटने के हमारे प्रयासों में समन्वयन, जलवायु परिवर्तन तथा मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए क्वाड के विदेश मंत्रियों की यह चर्चा अहम है. किर्बी ने कहा, हमारे बीच (भारत के साथ) बहुत ही महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध है खासकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच. भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों के मद्देनजर. उन्होंने कहा, रक्षा मंत्री इस संबंध को प्राथमिकता दे रहे हैं और इसे बढ़ते, विकसित होते तथा और मजबूत होते देखना चाहते हैं.
क्या है क्वाड
'द क्वाड्रिलैटरल सिक्युरिटी डायलॉग' (क्यूसिड) जिसे क्वॉड (QUAD) के नाम से भी जाना जाता है, ये अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक राजनीतिक वार्ता समूह है. इसके उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति की स्थापना और शक्ति का संतुलन है. इसके जरिए प्रशांत महासागर, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में फैले एक विशाल नेटवर्क को जापान और भारत के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. क्वाड का प्रस्ताव साल 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखा था. इसे भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया.
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