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काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमले
वाशिंगटन, एपी : अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के दौरान हुए आत्मघाती हमले की सैन्य जांच के बाद निष्कर्ष निकला है कि 20 पौंड विस्फोटक लिए हुए आत्मघाती हमलावर ने अकेले हमले को अंजाम दिया था। इस हमले को रोका नहीं जा सकता था। इसमें 170 अफगान नागरिकों और अमेरिका के 13 सैनिकों की मौत हो गई थी। जांच की अगुआई करने वाले ब्रिगेडियर जनरल लांस कर्टिस ने कहा, 'हमारी जांच के आधार पर सामरिक स्तर पर इसे रोका नहीं जा सकता था।'
हमले की मिनट-दर-मिनट की विस्तृत जानकारी दी
26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे के बाहर एबे गेट पर यह विस्फोट हुआ था। इसमें अमेरिका के 11 नौसैनिक, एक नाविक और एक सैनिक की मौत हो गई थी। ये सभी अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से निकलने की कोशिश कर रहे हजारों अफगान नागरिकों की जांच में जुटे थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी।
आइएसके ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि उसने अमेरिकी सैनिकों और उसके अफगान सहयोगियों को निशाना बनाया है। बयान के साथ ही हमलावर की तस्वीर भी साझा की गई थी। आतंकवादी संगठन ने कहा कि यह वही हमलावर है, जिसने हमले को अंजाम दिया। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन में शुक्रवार को सैन्य अधिकारियों ने ग्राफिक्स के जरिये बम हमले की मिनट-दर-मिनट की विस्तृत जानकारी दी।
एक विस्फोटक उपकरण के जरिये अंजाम दिया था हमले को
उन्होंने कहा कि हमले में जिनकी जान गई उनके घाव इतने गंभीर थे कि उन्हें बचाया नहीं जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में लगा था कि हमले में गोलीबारी की गई, लेकिन यह बात सही नहीं निकली।
अमेरिकी सेंट्रल कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने कहा, 'एबे गेट पर हुए हमले को एक विस्फोटक उपकरण के जरिये अंजाम दिया था। इस उपकरण की घातकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बेहतरीन बम रोधी जैकेट और हेलमेट के बावजूद अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई।'जांचकर्ताओं ने कहा कि हमलावर तालिबान और अन्य सुरक्षा चौकियों को चकमा देकर गेट के पास पहुंचा। ऐसा लगता है कि तालिबान को हमले के बारे में पता नहीं था।
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