अल सल्वाडोर के पत्रकारों ने स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी पर अमेरिका की संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। अल सल्वाडोर के एक खोजी समाचार आउटलेट के पत्रकारों ने एनएसओ ग्रुप पर बुधवार को दायर मुकदमे में आरोप लगाया है कि उनके आइफोन में इजरायली कंपनी का शक्तिशाली जासूसी एप पेगासस (Pegasus) पाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, जनवरी में टोरंटो विश्वविद्यालय की एक इंटरनेट वाचडाग सिटीजन लैब ने बताया था कि अल सल्वाडोर में दर्जनों पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों के सेलफोन बार-बार स्पाइवेयर से हैक किए गए थे। इनमें एल फारो न्यूज साइट के पत्रकार भी थे।
जांच के अधिकारों की रक्षा करने के लिए दायर कर रहे हैं मुकदमा: कार्लोस दादा
एल फारो के सह-संस्थापक और निदेशक कार्लोस दादा ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में नाइट फर्स्ट अमेंडमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा पत्रकारों की ओर से जारी एक बयान में कहा कि ये स्पाइवेयर हमले हमारे सूत्रों को चुप कराने और हमें पत्रकारिता करने से रोकने का प्रयास थे। कार्लोस ने कहा कि हम लोग यह मुकदमा अपने जांच के अधिकारों की रक्षा करने के लिए दायर कर रहे हैं।
वहीं, अमेरिकी सरकार द्वारा पिछले साल ही काली सूची में डाले गए एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वह अपने स्पाइवेयर केवल वैध सरकारी कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेचता है। ये आतंकवादियों और अपराधियों के खिलाफ उपयोग के लिए इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा जांचे गए होते हैं। एपल और वाट्सएप द्वारा एनएसओ ग्रुप के विरुद्ध कैलिफोर्निया की इसी अदालत में मुकदमा लंबित है।
जानें आखिर क्या है पेगासस
पेगासस इजरायल का एक जासूसी सॉफ्टवेयर है। इसे इज़रायली कंपनी NSO ने तैयार किया। इस सॉफ्टवेयर पर दुनिया भर में मास सर्विलेंस के हथियार (Weapon of Mass Surveillance) के तौर पर इस्तेमाल होने के आरोप लगे हैं।