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पश्तून नेता अली वजीर और दूसरे नेताओं को गैरकानूनी तौर पर नजरबंद करने के खिलाफ पश्तून तहफ्फुज आंदोलन |
पश्तून नेता अली वजीर और दूसरे नेताओं को गैरकानूनी तौर पर नजरबंद करने के खिलाफ पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) ने गुरुवार को फ्रांस स्थित पाकिस्तानी राजदूत के घर बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। वजीर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (संसद) के सदस्य हैं और पश्तून समुदाय के राजनीतिक अधिकारियों की वकालत करते रहे हैं। उन्हें 16 दिसंबर 2020 को पुलिस ने तब गिरफ्तार कर लिया, जब वह पेशावर स्थित पब्लिक स्कूल पर हुए आतंकी हमले की छठी बरसी पर आयोजित समारोह से लौट रहे थे। इस हमले में 150 से अधिक बच्चे और शिक्षक मारे गए थे।
एक प्रदर्शनकारी के मुताबिक पश्तूनों के अधिकारों के हक में आवाज उठाने के चलते अब तक अली वजीर के परिवार के 20 से अधिक सदस्यों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है। सिंध पुलिस के मुताबिक वजीर और अन्य पीटीएम कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआइआर के मुताबिक उन पर आपराधिक साजिश रचने और सरकारी संस्थानों के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने आरोपों को खारिज करते हुए अली वजीर की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है। पीटीएम फ्रांस ने कहा कि पाकिस्तान मारे गए पश्तूनों को न्याय दिलाने में विफल रहा है।
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