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चीन में दहशत: कोरोना वायरस के कारण हाल फिर चिंताजनक, हो रहा ये सब...जानें

jantaserishta.com
24 Nov 2022 2:53 AM GMT
चीन में दहशत: कोरोना वायरस के कारण हाल फिर चिंताजनक, हो रहा ये सब...जानें
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: चीन में कोविड के दैनिक मामले अपने उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो के मुताबिक चीन में 24 घंटे में कुल 31,454 मामले दर्ज किए गए हैं. चार दिन पहले यानी 20 नवंबर को 26,824 मामले में सामने आए थे. बीजिंग में छह महीने में कोविड-19 से अब तक तीन नई मौतें हो चुकी हैं. चीन में सख्त जीरो कोविड पॉलिसी लागू है. देश लॉकडाउन, मास टेस्टिंग और यात्रा प्रतिबंधों के बीच संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगातार काम कर रहा है.
चीन में कोरोना इस कदर पैर पसारे हुए है कि बीजिंग के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नए उपायों के तहत, बीजिंग की यात्रा करने वालों को तीन दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा.
चीन ने 11 नवंबर को कोविड-19 नियमों में ढील देने की घोषणा की थी. इसके तहत विदेश यात्रा के बाद अनिवार्य क्वारंटीन को भी खत्म कर दिया गया था. कई शहरों ने बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग को रद्द कर दिया गया था. बीजिंग के हैडियन और चाओयांग जिलों में दुकानें, स्कूल और रेस्तरां बंद कर दिए गए हैं.
चीन में बनी आईफोन की दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री में पिछले दिनों कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. सोशल मीडिया पर बुधवार को कई वीडियो पोस्ट किए गए, जिसमें हजारों प्रदर्शनकारी सेफ्टी सूट पहने पुलिसकर्मियों का सामना करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान देखा गया कि एक व्यक्ति के सिर पर पुलिस ने डंडा मारा. वहीं एक अन्य को उसके हाथ बांधकर ले जाया गया. सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में कहा गया कि ये लोग संविदा नियमों के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे.
कंपनी 'फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप' के संचालक ने कहा कि कर्मचारी अपने वर्कप्लेस में रह रहे थे. वे बाहर की दुनिया के संपर्क में नहीं थे. पिछले महीने हजारों कर्मचारी कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा के अपर्याप्त उपायों और बीमार पड़ने वाले सहकर्मियों को कोई मदद नहीं मिलने की शिकायतों के कारण कारखाना छोड़कर चले गए थे.
कोरोना से संक्रमित होने के बाद बच्चों में 'स्ट्रोक' का खतरा बढ़ सकता है. अमेरिका में की गई स्टडी की रिपोर्ट इस हफ्ते 'पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुई है. स्टडी में अस्पताल में भर्ती 16 रोगियों के चिकित्सा चार्ट और निदान प्रक्रिया की समीक्षा की गई, जिन्हें मार्च 2020 से जून 2021 के बीच रक्त का प्रवाह कम होने से दौरा पड़ा. इनमें से अधिकतर मामले बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से सामने आने के कुछ ही दिन बाद फरवरी और मई 2021 के बीच आये थे. इनमें से करीब आधे नमूनों में जांच में संक्रमण का पता चला.
यूनिवर्सिटी ऑफ उताह हेल्थ में विशेषज्ञ और प्रमुख अध्ययनकर्ता मैरीग्लेन जे वीलेयुक्स ने कहा कि 16 में से एक भी नमूने में गंभीर संक्रमण का पता नहीं चला और कुछ रोगियों में तो लक्षण भी नजर नहीं आये. उन्होंने कहा कि पांच रोगियों को अतीत में कोविड संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा,'यह अति-प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हो सकती है, जो बाद में होती है और बच्चों में थक्का बनने का कारण बनती है.'
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