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पनामा पेपर लीक ने सारी दुनिया में मचाई तहलका, निकली काला धन छिपाने की कौन-कौन सी तरकीब

Neha Dani
4 Oct 2021 3:39 AM GMT
पनामा पेपर लीक ने सारी दुनिया में मचाई तहलका, निकली काला धन छिपाने की कौन-कौन सी तरकीब
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इनमें पूर्व रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर, पूर्व टैक्स कमिश्नर, पूर्व सैन्य अधिकारी तक शामिल हैं।

पांच साल पहले पनामा पेपर (Panama Paper) लीक ने सारी दुनिया में तहलका मचा दिया था। बड़ी-बड़ी हस्तियों की फर्जी कंपनियों और टैक्स चोरी की सच्चाई सामने आई थी। अब एक बार फिर ICIJ (इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स) ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि कैसे पूरे खेल का पर्दाफाश होने के बाद भारतीय हस्तियों ने इसका तोड़ निकालना शुरू कर दिया था।

दुनियाभर के 1.19 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बाद इन 'वित्तीय रहस्यों' को दुनिया के सामने लाया गया है। ICIJ ने बताया था कि पैंडोरा पेपर (Pandora Paper) की जांच में 117 देशों के 600 रिपोर्टर जुटे रहे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि अनिल अंबानी जो खुद को ब्रिटेन की कोर्ट में दिवालिया बताते हैं, उनके पास भी विदेश में 18 कंपनियां हैं।
सचिन का नाम क्यों आया?


वहीं, पंजाब नैशनल बैंक से हजारों करोड़ का घोटाला करने वाले हीरा व्यापारी नीरव मोदी की बहन ने उसके भागने के एक महीने पहले ही एक ट्रस्ट बनाया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पनामा पेपर लीक के बाद भारतीयों ने अपनी संपत्ति को 'रीऑर्गनाइज' करना शुरू कर दिया। इसके मुताबिक क्रिकेट लेजेंड सचिन तेंदुलकर ने भी लीक के तीन महीने बाद ही ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में अपनी संपत्ति बेचने में जुट गए थे।
लिस्ट में कौन है शामिल?
रिपोर्ट में बताया गया है कि 300 से ज्यादा भारतीय नामों में से 60 के बारे में सबूत जुटाए गए और जांच की गई। इनके बारे में आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा। इन लोगों ने टैक्स से बचने के लिए आर्थिक अपराधों और जांच की आंच झेलते हुए समोआ, बेलीज, कुक आइलैंड से लेकर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और पनामा में टैक्स हेवन बना रके हैं।
पूर्व टैक्स कमिश्नर खुद शामिल
इनमें से कई लोगों के खिलाफ पहले से जांच चल रही है और कुछ पहले ही धरे जा चुके हैं। यहां तक कि कुछ पूर्व सांसदों के नाम भी लिस्ट में शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि टैक्स चोरी से जुड़े 14 सर्विस प्रोवाइडर्स के दस्तावेजों में ऐसे लोगों का नाम दिखता है जिनका काम ही इसे रोकना है। इनमें पूर्व रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर, पूर्व टैक्स कमिश्नर, पूर्व सैन्य अधिकारी तक शामिल हैं।


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