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निवासियों ने कहा कि नियम तोड़ने वालों को अक्सर दंडित किया जाता है, जिसमें सार्वजनिक पिटाई भी शामिल है।
अफगानिस्तान सरकार पाकिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान को लड़ाई में मदद पहुंचाने का आरोप लगा रही है। हलांकि, पाक लगातार इस बात से इन्कार करता रहा है। इस बीच अफगानिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपने दावे के समर्थन में भौतिक साक्ष्य प्रदान करने की पूरी तैयारी कर ली है। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम इसाकजई ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान को मदद पहुंचा रहा है।
गुलाम ने कहा, 'क्या सुरक्षा परिषद के सदस्यों को वह सबूत चाहिए, हम उन्हें उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा कि अफगान सरकार इस मामले को लेकर लगातार पाकिस्तानी सरकार के संपर्क में है और इस्लामाबाद को सबूत मुहैया कराए गए हैं। वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान के आरोपों से इस्लामाबाद को निराशा हुई है।
तालिबान ने नागरिकों, अफगान रक्षा और सुरक्षा बलों के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान सरकार की मीडिया विंग के प्रमुख को तालिबानी बंदूकधारियों ने मार डाला। तालिबान ने दावा खान मेनापाल की हत्या की जिम्मेदारी ली, जो अफगानिस्तान सरकार के मीडिया और सूचना केंद्र का नेतृत्व करते थे।
पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित अफगानिस्तान के कई प्रमुख जिलों पर कब्जा कर लिया है। पिछले हफ्ते तालिबान ने देश के कंधार प्रांत में एक लोकप्रिय अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी। अफगानिस्तान में नए क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अफगान महिलाओं पर दमनकारी कानून और नीतियों को फिर से लागू किया है।
बेजान और सरवर ने लिखा, तालिबान महिलाओं को सिर से पैर तक खुद को ढकने के लिए मजबूर कर रहा है, उन्हें घर से बाहर काम करने से प्रतिबंधित कर रहा है, लड़कियों की शिक्षा को गंभीर रूप से सीमित कर रहा है। महिलाओं से कहा गया है कि वह एक पुरुष रिश्तेदार के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर घर से निकले। फरयाब के कुछ हिस्सों में तालिबान ने दुकानों पर महिलाओं के सामान बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। निवासियों ने कहा कि नियम तोड़ने वालों को अक्सर दंडित किया जाता है, जिसमें सार्वजनिक पिटाई भी शामिल है।
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