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पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दोषारोपण करने बजाए, अफगानिस्तान में लगातार खराब हो रहे हालातों पर ध्यान देने की हिदायत दी है
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दोषारोपण करने बजाए, अफगानिस्तान में लगातार खराब हो रहे हालातों पर ध्यान देने की हिदायत दी है। सोमवार को पाकिस्तान के तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि, अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों के लिए उसे दोष देने की जगह, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान का सामना कर रहे अफगान बलों की कमजोर हो रही स्थिति को देखने की जरूरत है।
पाक का अमेरिका पर निशाना
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि, अफगान सुरक्षा बलों को मजबूत करने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा खर्च किए गए संसाधन अब कहां हैं। उन्होंने कहा कि, दो दशकों तक चले युद्ध में अमेरिका में बड़े दावे किए, लेकिन अब वो सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इस वक्त सभी को अफगान में शासन से जुड़े मुद्दे और सुरक्षा बलों की हालत पर गौर करने की जरूरत है। किसी की भी नाकामयाबी के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना गलत है।
तालिबान का समर्थन के आरोप
वहीं, काबुल समेत कई पश्चिमी देशों का कहना है कि, पाकिस्तान लगातार तालिबान का समर्थन कर रहा है। जिसके कारण ही, तालिबान दो दशकों तक चले युद्ध के बाद भी अफगानिस्तान में गंभीर हालात पैदा करने में कामयाब हुआ है। बताया जा रहा है, साल 2001 में जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान आई थीं। उस वक्त के मुकाबले, तालिबान अब कहीं ज्यादा इलाकों को नियंत्रित कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान लगातार तालिबान का समर्थन करने से इनकार करता रहा है।
पाक ने सभी आरोप किए खारिज
पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि, तालिबान को अमेरिका के साथ बातचीत के लिए मनाने में पाकिस्तान की अहम भूमिका रही है और पिछले साल दोहा में दोनों के बीच हुए समझौते में भी उन्होंने मदद की थी। साथ ही, कुरैशी ने बताया कि, पाकिस्तान ने पिछले साल सितंबर में तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांति वार्ता को फिर से शुरू करने में भी मदद की थी, जो काफी वक्त से रुकी हुई थी। गौरतलब है कि, तालिबानी आतंकियों ने मई के बाद से अफगानिस्तान में तेजी के साथ कई इलाकों में नियंत्रण हासिल किया है। वहीं, पिछले तीन दिनों में आतंकियों ने छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया है।
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