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इमरान खान की अमेरिका विरोधी बयानबाजी से पश्चिमी देशों के साथ बिगड़े पाकिस्तान के रिश्ते: रिपोर्ट से खुलासा

Neha Dani
13 Jun 2022 11:20 AM GMT
इमरान खान की अमेरिका विरोधी बयानबाजी से पश्चिमी देशों के साथ बिगड़े पाकिस्तान के रिश्ते: रिपोर्ट से खुलासा
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द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका विरोधी बयानबाजी और अमेरिका के खिलाफ उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश के आरोपों का खामियाजा पूरे देश को भूगतना पड़ रहा हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इमरान की इस बयानबाजी के चलते पश्चिम के साथ पड़ोसी देश के संबंधों को नुकसान पहुंचा है। बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है और देश अक्सर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक सहित पश्चिमी नेतृत्व वाले बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों की ओर रुख करता है। इस बीच संबंधों का नुकसान पड़ोसी मुल्क को महंगा पड़ सकता है।


पश्चिम के साथ रिश्ते सुधारने ही होंगे

द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद के आर्थिक संकट से यह तय है कि उसे पश्चिम के साथ अपने रिश्ते सुधारने ही होंगे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि खान ने देश की अर्थव्यवस्था में मदद के लिए वाशिंगटन स्थित आईएमएफ की ओर रुख किया था, जिसने 1958 से पाकिस्तान को 22 बेलआउट प्रदान किए हैं और अगर पाक को आगे भी मदद चाहिए तो उसे कुछ कदम उठाने ही होंगे।


रूस और चीन ने भी छोड़ा साथ

डिफाल्ट के कगार पर खड़े पाकिस्तान को अपने ऋणों का भुगतान करने के लिए अगले वर्ष में 41 बिलियन अमरीकी डालर की आमद की आवश्यकता है। वहीं पाक की अर्थव्यवस्था अभी भी आईएमएफ की मदद पर निर्भर है, जबकि रूस पाकिस्तान की मदद करने की स्थिति में नहीं है और चीन ने प्रतीक्षा करें और देखें दृष्टिकोण अपनाया हुआ है।
FATF भी दे सकता है झटका

इसके अलावा, मनी लान्ड्रिंग और टेरर फंडिंग वाचडाग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पर भी पश्चिम का महत्वपूर्ण प्रभाव है। यह अनिवार्य रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि एफएटीएफ आतंकवादी फंडिंग के लिए पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखता है। और अगर हालात नहीं सुधरे तो एफएटीएफ अपनी रैंकिंग में सुधार नहीं करेगा।
बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है

दूसरी ओर राजनयिक पर्यवेक्षकों ने भी कहा कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के सत्ता से बेदखल करने की कथित "विदेशी साजिश" में वाशिंगटन की भूमिका के बारे में साहसिक बयान द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।


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