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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए 370 अरब रुपये के विकास पैकेज की घोषणा की, बताई आगे की योजना

Neha Dani
1 May 2021 11:15 AM GMT
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए 370 अरब रुपये के विकास पैकेज की घोषणा की, बताई आगे की योजना
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उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान से इन क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहा था.

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) के विकास के लिए 370 अरब रुपये के पैकेज की घोषणा की है. इन पैसों से यहां के युवाओं का कौशक विकास किया जाएगा और क्षेत्र को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. पीएम खान ने कैबिनेट मंत्रियों संग क्षेत्र की राजधानी गिलगित का दौरा भी किया है. उन्होंने गिलगित-बाल्टिस्तान के नेताओं और अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-i-Insaf) के समर्थकों को संबोधित किया.

इमरान खान ने कहा, 'हम गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए 370 अरब रुपये के पैकेज की घोषणा कर रहे हैं, जिसे आने वाले पांच वर्षों में दिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि पर्यटन में निवेश करने से गिलगित-बाल्टिस्तान का कायाकल्प हो जाएगा क्योंकि इसका आकार स्विटजरलैंड से भी दो गुना बड़ा है और यह इस यूरोपीय देश से अधिक खूबसूरत है, जिसे पर्यटकों के लिए स्वर्ग बताया जाता है (Imran Khan on Gilgit-Baltistan). पीएम खान ने कहा, 'पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करके गिलगित-बाल्टिस्तान ना केवल अमीर बनेगा बल्कि मदद के लिए इस्लामाबाद की ओर देखने के बजाय देश के बाकी हिस्सों का समर्थन करने की स्थिति में होगा.'

पिछले साल भी किया था दौरा
इमरान खान ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान खाद्य प्रसंस्करण कारखानों और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सबसे अच्छी जगह है, इसलिए यहां निवेश किया जाना चाहिए (Gilgit-Baltistan Tourist Hub). उन्होंने कहा कि इस विकास पैकेज के तहत यहां के युवाओं में कौशल विकास करने और उन्हें स्कॉलरशिप देने पर भी ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन शुरू करने के लिए सुविधाएं देगी. खान ने बीते साल चुनाव अभियान के दौरान भी इस क्षेत्र का दौरा किया था और इसे प्रोवीजनल प्रांत का दर्जा देने का वादा किया था.
भारत ने जताई थी आपत्ति
इसके बाद चुनावों में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की और आज सत्ता में बनी हुई है. हालांकि भारत ने अपने हिस्से को लेकर कही गई इन बातों का पुरजोर विरोध किया था (India on Gilgit-Baltistan). विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने तब कहा था, 'भारत पाकिस्तान द्वारा उसके (भारत) हिस्से में की जा रही किसी भी तरह की फेरबदल को रिजेक्ट करता है, इस क्षेत्र पर इस्लामाबाद ने 'अवैध और जबरन कब्जा' किया हुआ है.' उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान से इन क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहा था.


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